‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक पिछले वर्ष नवंबर से आइटी क्षेत्र के करीब दो लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, जिनमें सर्वाधिक संख्या में कटौती करने वाली कंपनियों में गूगल, माइक्रोसाफ्ट, फेसबुक और अमेजन हैं।

अमेजन में काम करने के लिए गीता (नाम परिवर्तित) महज तीन महीने पहले यहां आई थीं। इस सप्ताह उन्हें बताया गया कि 20 मार्च उनके कार्यकाल का अंतिम दिन होगा। एच-1बी वीजा पर अमेरिका आई एक अन्य आइटी पेशेवर को माइक्रोसाफ्ट ने 18 जनवरी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। वे कहती हैं, ‘स्थिति बहुत खराब है।’ जो लोग एच-1बी वीजा पर यहां आए हैं उनके लिए तो स्थिति और भी विकट है क्योंकि उन्हें 60 दिन के भीतर नई नौकरी ढूंढ़नी होगी या फिर भारत लौटना होगा।

सिलिकान वैली में उद्यमी और सामुदायिक नेता अजय जैन भूतोड़िया ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र के हजारों कर्मचारियों को नौकरियों से निकाला जा रहा है, विशेषकर एच-1बी वीजा पर आए लोगों के लिए तो चुनौतियां और भी बड़ी हैं क्योंकि उन्हें नौकरी जाने के 60 दिन के भीतर नया रोजगार खोजना है और अपना वीजा स्थानांतरित करवाना है या फिर देश से जाने के लिए मजबूर होना होगा।’

एफआइआइडीएस के खांडेराव कंद ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी उद्योग में बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती के कारण जनवरी 2023 प्रौद्योगिकी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए बहुत कठिन रहा है। कई प्रतिभाशाली लोगों की नौकरी चली गई। प्रौद्योगिकी उद्योग में भारतीय प्रवासियों की संख्या अच्छी खासी होने की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित भी वे ही हुए हैं।’एच-1बी वीजा धारकों को नौकरी जाने के बाद 60 दिन के भीतर एच-1बी प्रायोजित नौकरी खोजनी होती है या फिर दर्जा खत्म हो जाने के दस दिन के भीतर देश छोड़ना होता है।