कुंभ में हुई फजीहत से सीख लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया था। अब प्रशासन की तरफ से यात्रा को रोकने के लिए हरिद्वार बॉर्डर को 22 जुलाई से सील कर दिया जाएगा। हरिद्वार प्रशासन की तरफ से नियमों को तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गयी है। जिसके तहत 14 दिन क्वारंटीन और वाहन जब्ती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि जनपद में प्रवेश का प्रयास करने वालों के वाहन जब्त कर लिए जाएंगे और नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही करेगी। पुलिस प्रशासन का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद भी अगर कोई कांवड़ लेने आता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि बॉर्डर पर अनुभवी पुलिस अफसरों की तैनाती की जाएगी। एएसपी ने पुलिस अधिकारियों, इंस्पेक्टरों और थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर कई तरह के दिशा-निर्देश दिए हैं।

हरिद्वारा जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया आदेश (फोटो- ANI)

बताते चलें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मंगलवार को बैठक हुई थी जिसके बाद कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया गया था।

यूपी सरकार को sc ने भेजा है नोटिस : उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के ‘‘चिंतित करने वाले’’ फैसले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और इस मामले पर ‘‘अलग-अलग राजनीतिक मत होने के मद्देनजर’’ केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की सरकारों से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 को रोकने के प्रयासों में कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि 25 जुलाई से धार्मिक यात्रा शुरू करने की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद लोग हैरान हैं।