यूपीएससी की परीक्षा पास करना लाखों विद्यार्थियों का सपना होता है लेकिन जुनूनी किस्म और जीवन में आने वाली सभी तरह की समस्याओं से न घबराने वाले ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। ऐसे ही लोगों में महाराष्ट्र के लातूर की रहने वाली पूजा कदम का नाम शामिल है जिन्होंने आंखों की रोशनी जाने के बावजूद हार नहीं मानी और तमाम चुनौतियों को पार करते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास की।

मूल रूप से महाराष्ट्र के लातूर की रहने वाली पूजा कदम साल 2014 में जब पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही थी तभी उनकी आंखों में रोशनी कम होने लगी। शुरू में तो उन्हें रात में देखने में समस्या होती थी लेकिन बाद में यह समस्या बढ़ती चली गई, उन्हें दिन में भी देखने और पहचानने में दिक्कत आने लगी। इससे पूजा की पढ़ाई भी काफी प्रभावित होने लगी। 

पूजा कदम को कई डॉक्टर के पास दिखाया गया लेकिन ज्यादा सुधार नहीं हो पाया। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनका इलाज सिर्फ इंग्लैंड में ही संभव है। हालांकि आंखों की घटती रौशनी उनके सपनों को साकार करने में कभी रोड़ा बनकर सामने नहीं आ सकी। अपने शिक्षक पिता, गृहिणी मां और तीन बहनों के सहयोग से पूजा कदम ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

इस दौरान पूजा ने चार बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं। एक बार वो इंटरव्यू तक भी पहुंची लेकिन अंतिम लिस्ट में उन्हें जगह नहीं मिली। लेकिन पांचवें प्रयास में पूजा ने अपने सपने को साकार कर ही लिया। यूपीएससी 2020 की परीक्षा में पूजा ने 577 रैंक हासिल की। पूजा का लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं के जीवन को ऊपर उठाना और उन्हें स्वावलंबी बनाना है।

लातूर जिले के औसा तालुका के टका गांव की रहने वाली पूजा की शुरुआत पढ़ाई अपने पैतृक जिले में ही हुई। उन्होंने लातूर के केशवाराज विद्यालय से दसवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दयानंद कॉलेज से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की। 12वीं के बाद पूजा पुणे चली गईं। जहां उन्होंने फर्ग्युसन कॉलेज से स्नातक किया। पूजा ने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में परास्नातक की डिग्री हासिल की।