भारत के बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव हुए हैं, इन्हें अब धीरे धीरे लागू किया जा रहा है। इनमें से एक यह भी है। भारतीय स्टेट बैंक के सभी सब्सिडियरी बैंकों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, मतलब अब देश में स्टेट बैंक का कोई और सब्सिडियरी बैंक नहीं होगा। और यह होगा 1 अक्टूबर से। 30 सितंबर के बाद स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ रायपुर और भारतीय महिला बैंक खत्म हो जाएंगे। यह बैंक भी अब भारतीय स्टेट बैंक बन जाएंगे। आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं। आपके इन बैंको के साथ सभी संबंध बने रहेंगे, बस नाम बदल जाएगा। इन सभी बैंकों का नाम एक अक्टूबर से भारतीय स्टेट बैंक हो जाएगा। इन बैंकों द्वारा जारी की गईं सभी चेक बुक 30 सितंबर के बाद अवैध हो जाएंगी। इनके आईएफएससी कोड भी बदल जाएंगे।
भारतीय स्टेट बैंक ने ट्वीट करके का है कि इन बैंकों के सभी कस्टमर्स नई चेकबुक के लिए जल्द से जल्द अप्लाई कर दें। इन बैंकों के कस्टमर नई चेक बुक के लिए इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के जरिए भी अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा एटीएम और होम ब्रांच में जाकर भी अप्लाई कर सकते हैं।
We request customers of SBI's erstwhile Associate banks and Bharatiya Mahila Bank to apply for new SBI Cheque books as soon as possible. pic.twitter.com/iWhq4xtbrn
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) September 20, 2017
इसी के साथ बता दें कि एसबीआई ने हाल ही में कहा है कि वह उपभोक्ताओं की प्रक्रिया मिलने के बाद मासिक औसत बैलेंस बरकरार नहीं रखने पर लगने वाले शुल्क की समीक्षा कर रहा है। बैंक के प्रबंध निदेशक (राष्ट्रीय बैंकिंग समूह) रजनीश कुमार ने कहा था कि हमें इस संबंध में उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएं मिली हैं और हम उनकी समीक्षा कर रहे हैं। बैंक उन्हें ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेगा। उन्होंने कहा था, हम आंतरिक विमर्श कर रहे हैं कि क्या वरिष्ठ नागरिकों या विद्यार्थियों जैसे उपभोक्ताओं की कुछ निश्चित श्रेणी के लिए शुल्क में सुधार की जानी चाहिए या नहीं।