दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने आज राष्ट्रीय राजधानी के 23 विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को यौन उत्पीड़न रोकथाम समितियों का ब्योरा तथा उनके पास अबतक दर्ज शिकायतों की स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया।

कुलपतियों और संस्थानों के प्रमुखों को भेजे पत्र में डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने इन समितियों को आवंटित धन तथा पिछले वित्त वर्ष में हुए खर्च के बारे में भी बताने को कहा है। उन्होंने लिखा है, ‘डीसीडब्ल्यू को दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा एवं हितों की निगरानी करने का दायित्व सौंपा गया है और उसे उसके लिए रिकार्ड और दस्तावेज मंगाने का अधिकार प्रदान किया गया है। तद्नुसार आप सभी को अपने विश्वविद्यालय से संबंद्ध कॉलेजों के बारे में सूचनाएं देने का निर्देश दिया जाता है।’

उन्होंने लिखा है कि इस आंकड़े से आयोग को शिक्षण संस्थानों मेंं महिला सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र एवं राज्य सरकारों को सिफारिशें देने के सांविधिक अधिकार को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय एवं उसके कॉलेजों की यौन उत्पीड़न रोकथाम समितियों, उनके सदस्यों के पद, गठन, वर्तमान प्रणाली, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की यौन उत्पीड़न शिकायतों से निबटने की नीतियों एवं नियम आदि के बारे में बताने को कहा है।

आयोग ने दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, इग्नू, अंबेडकर विश्वविद्यालय, एम्स, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, भारतीय जनसंचार संस्थान आदि को पत्र लिखा है।
उसका यह कदम दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज के यौन उत्पीड़न विवाद की पृष्टभूमि में आया है। आयोग ने कल कॉलेज के प्राचार्य वाल्सन थंपू और प्रोफेसर सतीश कुमार को समन भेजकर 19 अगस्त को उसके सामने हाजिर होने का निर्देश दिया है।