सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बयानबाजी का दौर अब विधानसभा तक जा पहुंचा है। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा और विधानपरिषद में शिवसेना द्वारा रिपब्लिक टीवी के मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश होने के बाद जमकर हंगामा हुआ।
विधानसभा में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए, शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने उन पर “अपमानजनक भाषा” का इस्तेमाल करने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ आधारहीन टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गोस्वामी अक्सर टीवी बहस के दौरान मंत्रियों, लोकसभा और विधानसभा सदस्यों का अपमान करते रहे हैं और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कई लोगों के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र के विधायकों ने कंगना के महाराष्ट्र की पीओके से तुलना वाले बयान पर भी आपत्ति जताई।
एनसीपी नेता छगन भुजबल और अबू आजमी ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। भुजपबल ने कहा देश में सभी को बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन इसके कुछ नियम कायदे हैं। वहीं संसदीय मामलों के मंत्री ने प्रस्ताव स्वीकार करने के पीछ दलील दी कि पीएम मोदी पर टिप्पणी करने पर बीजेपी आक्रामक हो जाती है तो फिर मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए।
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मंगलवार चल रहे सत्र का आखिरी दिन था, सदन में कोरोना महामारी और अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन पर मीडिया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दो-मुखी दृष्टिकोण अपनाने का भी आरोप लगाया और यह भी आरोप लगाया कि सरकार मीडिया में असंतोष की आवाज़ों का मज़ाक उड़ा रही है।