सशस्त्र सीमा बल (SSB) नेपाल और भूटान सीमा पर स्थित अपनी चौकियों में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है। SSB महिलाओं को युद्धकर्मियों के रूप में शामिल करने वाला पहला अर्द्धसैनिक बल है। योजना में जवानों और अधिकारियों के लिए कल्याण गतिविधियों और सुविधाओं को भी मजबूत करने पर विचार किया जा रहा है। भारत की दोनों खुली सीमाओं की रखवाली करने वाले एसएसबी को न सिर्फ असैन्य नागरिकों के भारी आवागमन को देखना पड़ता है, बल्कि मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य सीमा पार अपराधों से भी निपटना पड़ता है।

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SSB की नवनियुक्त प्रमुख अर्चना रामासुंदरम देश में किसी अर्द्धसैनिक बल की पहली महिला प्रमुख हैं। उन्होंने कहा, “SSB बल सीमा चौकियों में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाने और उन्हें अभियानगत मोर्चा दायित्व में लगाने की योजना बना रहा है।” महानिदेशक ने कहा, “हम न सिर्फ युद्धक भूमिकाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने पर भी विचार कर रहे हैं कि सभी कर्मियों को उनके तैनाती स्थल पर अतिरिक्त सुविधाएं मिलें।”

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उन्होंने कहा कि बल सरकार के हाल के उस निर्देश के अनुसार निर्धारित समय में लक्ष्य हासिल करने के लिए भी काम कर रहा है जिसमें SSB, BSF और ITBP जैसे सीमा प्रहरी बलों में महिला कर्मियों की संख्या कुल संख्या के 33 प्रतिशत करने को कहा गया है।