दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया है। महमूद अख्तर नाम का यह अधिकारी उच्चायोग के वीजा विभाग में काम करता था। पुलिस के मुताबिक, वह सेना और रक्षा विभाग की खुफिया जानकारी पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई को देता था। पुलिस ने अख्तर के अलावा दो अन्य भारतीय नागरिकों को भी पकड़ा है, जिनपर महमूद की मदद का आरोप है। हालांकि राजनयिक छूट प्राप्त होने की वजह से अख्तर को रिहा कर दिया गया है, मगर सरकार ने उसे भारत छोड़ देने को कहा है। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, क्राइम ब्रांच आरएस यादव ने अख्तर के बारे में कई खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि अख्तर ने खुद के चांदनी चौक का निवासी होने का दावा किया, मगर सख्ती से पूछताछ के बाद उसने कबूल लिया कि उसका नाम महमूद अख्तर है। अख्तर ने खुद को भारतीय दिखाने के लिए आधार कार्ड तक बनवा रखा था। पूछताछ के बाद पत्रकारोंं से बात करते हुए यादव ने कहा, ”वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा है और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में अपनी तैनाती के समय से ही उसे राजनयिक छूट प्राप्त है। इसकी पुष्टि विदेश मंत्रालय के जरिए की गई तथा पुष्टि के बाद और संबंधित प्रक्रियाओं के अनुरूप, उसे विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि की मौजूदगी में पाकिस्तानी उच्चायोग के राजनयिकों को सौंप दिया गया।”
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पूछताछ में अख्तर ने कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह जनवरी 2013 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए प्रतिनियुक्ति पर है और पाकिस्तानी सेना की 40वीं बलूच रेजीमेंट का हवलदार है तथा रावलपिंडी के काहुटा गांव का रहने वाला है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ”चूंकि अख्तर वीजा विभाग में काम कर रहा था, इससे उसे ऐसे लोगों की पहचान करने में मदद मिल गई कि कौन लोग उसके लिए काम कर सकते हैं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, उन्हें बड़ी राशि देने का प्रलोभन दिया जाता था।’’
अधिकारी ने कहा कि हनी ट्रैप के कोण की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरूआती जांच से यह खुलासा हुआ है कि बड़ी धनराशि देने का वायदा कर कुछ लड़कियों का शोषण किया जा रहा था और उन्हें मॉड्यूल में पुरुषों को लाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था । हम इस पहलू की जांच कर रहे हैं।’’
Two arrested by Delhi Police crime branch on spying charges. pic.twitter.com/MyYSZb0cqh
— ANI (@ANI) October 27, 2016
Pak High Commission official Mehmood Akhtar, who was detained by Delhi Police crime branch over espionage charges, carried fake Aadhaar card pic.twitter.com/4QDJG7kwWE
— ANI (@ANI) October 27, 2016