Bihar Special Intensive Revision: बिहार के राजनीतिक दलों को एक ओर तो विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटना है दूसरी ओर उनके सामने एक बड़ी मुश्किल वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन को लेकर है। इस मामले में देश की शीर्ष अदालत में सुनवाई हो चुकी है और अदालत ने कुछ जरूरी सवाल उठाते हुए 28 जुलाई को फिर से सुनवाई करने की बात कही है। लेकिन एक बात जरूर है कि वोटर लिस्ट के रिवीजन को लेकर कंफ्यूजन है और लोगों को डॉक्यूमेंट बनवाने के लिए भागदौड़ करनी पड़ रही है।

इस बीच राजनीतिक दल अपने एजेंट्स के जरिए ग्राउंड पर पहुंच रहे हैं। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल एजेंट (Booth Level Agent) बनाया है। विशेषकर विपक्षी दलों ने इसमें काफी फुर्ती से काम किया है।

BLA में 13% की बढ़ोतरी

चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि 25 जून को इस एक्सरसाइज के शुरू होने के बाद से राज्य में अलग-अलग राजनीतिक दलों के BLA में 13% की बढ़ोतरी हुई है और यह संख्या 1,38,680 से बढ़कर 1,56,625 हो गई है। समझना जरूरी होगा कि BLA का क्या काम होता है?

बिहार में क्यों जरूरी है वोटर लिस्ट का रिवीजन, विपक्ष के विरोध के पीछे क्या है वजह?

राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए BLA रिटर्निंग ऑफिसर या असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर को आवेदन देते हैं और रिटर्निंग ऑफिसर वेरिफिकेशन के बाद नामों को मंजूरी दे देते हैं। जरूरी बात यह है कि BLA के द्वारा जो नाम सौंपे गए हैं, वह उनके निर्वाचन क्षेत्र के निवासी हों या रजिस्टर्ड वोटर हों।

NDA के पास हैं इंडिया ब्लॉक से ज्यादा BLA

चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 25 जून से 2 जुलाई के बीच विपक्षी दलों- राजद, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने अतिरिक्त 17.51% BLA नियुक्त किए और इससे इनकी कुल संख्या 56,038 से बढ़कर 65,853 हो गई। जबकि बीजेपी और जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए के द्वारा BLA की तैनाती में 10.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, उनकी कुल BLA संख्या अभी भी इंडिया ब्लॉक से ज़्यादा है, जो 80,083 से बढ़कर 88,781 हो गई है।

कांग्रेस ने अपने BLA की नियुक्ति को लगभग दोगुना कर दिया है। पहले यह आंकड़ा 8,586 था जो अब 16,500 हो गया है। वामपंथी दलों ने भी BLA की संख्या बढ़ाई है। सीपीआई (एम) के BLA की संख्या 76 से बढ़कर 578 जबकि सीपीआई (एमएल-लिबरेशन) के BLA की संख्या बढ़कर 233 से बढ़कर 1,271 हो गई है।

‘बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मामले में कुछ भी गलत नहीं…’

किसके पास कितने BLA?

आरजेडी इस मामले में काफी पीछे है। आरजेडी ने 25 जून से 2 जुलाई तक केवल 0.77% ज्यादा BLA जुटाए थे और इसका आंकड़ा बढ़कर 47,143 से 47,504 हो गया है। मौजूदा वक्त में राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने भी इस दौरान 1.39 प्रतिशत ज्यादा BLA नियुक्त किये जो 51,964 से बढ़कर 52,689 हो गए। हालांकि जेडीयू की बात करें तो उसने BLA की संख्या में 24.13% की बढ़ोतरी की और इसकी कुल संख्या 27,931 से बढ़कर 34,669 हो गई है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पास 25 जून तक 2,457 BLA थे और यह 2 जुलाई तक बढ़कर 3,066 हो गए हैं। बसपा का बिहार में बहुत मजबूत आधार नहीं है और उसने अपने BLA की संख्या को 26 से बढ़कर 74 किया है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के BLA की संख्या में 2.27 की बढ़ोतरी हुई है।

चुनाव आयोग का कहना है कि 9 जुलाई तक मतदाताओं को बांटे गए फॉर्म में से 57.48% फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। आयोग ने साफ कहा है कि जो लोग 25 जुलाई तक अपने फार्म जमा कर देंगे उन्हें वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा और इसका प्रकाशन 1 अगस्त को होगा।

एक सवाल यह कि क्या इससे बिहार के गरीबों और अल्पसंख्यकों पर असर पड़ेगा क्योंकि उनके पास चुनाव आयोग के द्वारा मांगे गए 11 डॉक्यूमेंट में से अधिकतर डॉक्यूमेंट नहीं है।

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