सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने और फेक न्यूज डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार के नए दिशा निर्देशों पर राजनीतिक नेताओं ने सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा है कि सबसे ज्यादा झूठ तो भाजपा ही फैलाती है। टीवी डिबेट में उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। टीवी चैनल न्यूज-24 के एंकर मानक गुप्ता ने जब उनसे इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि “दिक्कत यह है कि भाजपा के सपोर्टेड नेता अघोषित नेता जब आते हैं तो वे अपनी बात कहते-कहते हिंदू-मुस्लिम की बात जरूर ले आते हैं।”

कहा कि “देखिए यह है मानसिकता, इस मानसिकता का विरोध करते हैं। आप हिंदू-मुस्लिम इसमें भी खोजने लगते हैं। आपके पास कोई कंटेंट नहीं है तो आप हिंदू-मुस्लिम इसमें भी खोजने लगते हैं। इस तरह की बात सोशल मीडिया पर भी करने लगी है। दिक्कत यह है कि क्या सरकार बताएगी कि जिस तरह का दुरुपयोग अपनी मशीनरी का कर रही है, जिस तरह का दुरुपयोग वह पुलिस का कर रही है या जिस तरह का दुरुपयोग वह दिशा रवि के मामले में की है, क्या वह बताएगी?”

बोले कि “जिस तरह का विपक्ष पर झूठे केस करती है, सबसे ज्यादा प्रोपेगैंडा अगर कोई फैलाता है तो भारतीय जनता पार्टी फैलाती है। सबसे ज्यादा झूठ भारतीय जनता पार्टी फैलाती है, लेकिन क्या भारतीय जनता पार्टी के एक भी नेता के खिलाफ कार्रवाई हुई क्या?”

एंकर मानक गुप्ता ने जेडयू के प्रवक्ता अजय आलोक से पूछा कि “विपक्ष विरोध क्यों कर रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध वही लोग करेंगे जिनकों झूठ फैलाने की आदत है। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कहते हैं कि बीजेपी की ट्रोल आर्मी में कई हजार लोग हमें गाली देने के लिए बैठाए गए हैं। अब कानून बन गया है कि जो भी पहला व्यक्ति होगा, सोशल मीडिया कंपनी को उसका नाम बताना होगा। ऐसे में राहुल गांधी को तो इसका समर्थन करना चाहिए। इसका सबसे ज्यादा फायदा तो उन्हीं को मिलेगा। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा मजाक तो उन्हीं का उड़ाया जाता है। राहुल गांधी जी को इसकी ज्यादा आदत है।”

दरअसल ट्विटर के साथ तकरार के सप्ताहों बाद सरकार ने सोशल मीडिया मंचों तथा नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी मंचों का दुरुपयोग रोकने के लिए बृहस्पतिवार को नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जिनके तहत उन्हें आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटाना होगा और जांच में सहायता करनी होगी तथा शिकायत समाधान तंत्र स्थापित करना होगा।

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड’ सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग रोकने पर केंद्रित है और इसके तहत व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर तथा अन्य सोशल मीडिया कंपनियों तथा नेटफ्लिक्स, यू-ट्यूब और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे मंचों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग करने के लिए कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी तथा शरारतपूर्ण सूचना की शुरुआत करने वाले प्रथम व्यक्ति की पहचान का खुलासा करना होगा और अश्लील तथा महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ जैसी सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सोशल मीडिया कंपनियों को एक रेजिडेंट शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी जो 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करेगा और मासिक रूप से अनुपालन रिपोर्ट दायर करेगा। उपयोगकर्ताओं की शिकायत का समाधान 15 दिन के भीतर करना होगा।

सोशल मीडिया मंचों को सरकार या अदालत के कहने पर ऐसी शरारतपूर्ण सूचना की शुरुआत करनेवाले प्रथम व्यक्ति की पहचान का खुलासा करना होगा जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और लोक व्यवस्था को कमतर करती हो।