गृह मंत्रालय ने दक्षिण भारत की आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी को जेड सिक्योरिटी दी है। माता अमृतानंदमयी को अम्मा नाम से भी जाना जाता है। जेड सिक्योरिटी मिलने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 40 कमांडो और माता अमृतानंदमयी के केरल के कोल्लम स्थित आश्रण की दिन-रात सुरक्षा करेंगे। केंद्र सरकार ने ये फैसला केंद्रीय खुफिया एजेंसी की उस रिपोर्ट के बाद लिया जिसमें कहा गया है कि माता अमृतानंदमयी को “हाई लेवल” का खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया कि 64 वर्षीय माता अमृतानंदमयी को उनके आश्रम के अंदर और बाहर दोनों जगह खतरा हो सकता है।
सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी माता अमृतानंदमयी के वल्लिकावु स्थित मठ की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सुरक्षा सर्वे कर चुके हैं। सीआरपीएफ के 40 कमांडो के अलावा दो एस्कॉर्ट गाड़ियां हर यात्रा में हमेशा माता अमृतानंदमयी के काफिले के साथ चलेंगी। योग गुरु बाबा रामदेव के बाद जे सिक्योरिटी पाने वाली वो दूसरी आध्यात्मिक गुरु हैं।
मान जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) माता अमृतानंदमयी को सुरक्षा देकर केरल में वामपंथी गठबंधन एलडीएफ के विकल्प के तौर पर व्यापक हिंदू एकता वाले गठजोड़ का आधार तैयार कर रही है। पिछले साल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने माता अमृतानंदमयी के जन्मदिन पर कोल्लम मठ में आयोजित कार्यक्रम में भागीदारी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में माता अमृतानंदमयी का आभार जताया था।
माता अमृतानंदमयी का अमृतानंदमयी समूह केरल समेत पूरे देश में कई शैक्षणिक संस्थान चलाता है। अमृतानंदमयी समूह की दुनिया के 40 देशों में अंतरराष्ट्रीय समाजसेवी शाखाएं हैं। केरल में फिलहाल लेफ्ट फ्रंट की सरकार है। वहीं कांग्रेस राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी है। राज्य में पिछले साल हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा पहली बार कोई विधान सभा सीट जीतने में कामयाब रही थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता ओ राजागोपाल नोमाम सीट से विधायक बने थे। पिछले कुछ समय से राज्य में वामपंथी कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के बीच खूनी झड़पों और हिंसाओं में कई लोग मारे जा चुके हैं।
