नई पेट्रोल या डीजल कार खरीदने वालों को जल्द ही इसे रजिस्टर कराने के लिए 5 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। वहीं, रजिस्ट्रेशन रिनुअल का खर्च 10 हजार रुपये तक आ सकता है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। बता दें कि फिलहाल चार पहिया (एलएमवी) रजिस्टर कराने या पुराना रजिस्ट्रेशन रिनुअल का खर्च महज 600 रुपये है। यानी कारों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस करीब-करीब 10 गुनी तक महंगी हो सकती है।
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की यह कवायद पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की खरीद को हतोत्साहित करने, पुरानी गाड़ियों को चलन से बाहर करने और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के मकसद से है। टीओआई की खबर के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में पारंपरिक ईंधन से चलने वाली अधिकतर श्रेणी की गाड़ियों में इन दो तरह की फीस में इजाफे के लिए प्रस्ताव दिया है।
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मसलन दो व्हीलर्स के लिए नई रजिस्ट्रेशन फीस 1000 रुपये होगी। पहले यह फीस महज 50 रुपये थी। वहीं, रिनुअल के लिए 2 हजार रुपये देने होंगे। कैब के मामले में रजिस्ट्रेशन और रिनुअल की फीस क्रमश: 10 हजार रुपये और 20 हजार रुपये होगी। वर्तमान में इसके लिए महज 1000 रुपये चुकाने पड़ते हैं। थ्री व्हीलर के मामले में वर्तमान की रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये को बढ़ाकर 5 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है।
परिवहन मंत्रालय के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, इंपोर्टेड कारों की रजिस्ट्रेशन फीस को भी 5 हजार रुपये बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं, इंपोर्टेड बाइक की स्थिति में रजिस्ट्रेशन फीस 2500 रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की योजना है। एक अधिकारी ने बताया कि फाइनल नोटिफिकेशन जारी करने से पहले राय मांगी गई है। आने वाले 40 से 50 दिन के अंदर फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
बता दें कि मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक या बैटरी ऑपरेटेड गाड़ियों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस न लेने का नोटिफिकेशन पहले ही जारी किया हुआ है। वहीं, प्रदूषण करने वाली पुरानी गाड़ियों को स्थाई रूप से बंद करके नई गाड़ियां खरीदने वालों को भी रजिस्ट्रेशन फीस चुकाने में राहत दी जाएगी।
