कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्‍ड केस में कोर्ट में पेश होने के लिए 10 दिन की मोहलत मिल गई। पहले उन्‍हें ट्रायल कोर्ट में आठ दिसंबर को पेश होना था। लेकिन अब अगली सुनवाई के दिन 19 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया है। सोनिया ने इसे भाजपा का बदला बताया है और कहा है कि वह किसी ने नहीं डरतीं।

पेशी के खिलाफ कोर्ट में दी गई अर्जी खारिज होने के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘मैं इंदिरा गांधी की पुत्रवधू हूं, इसलिए न तो मैं किसी से डरती हूं और न ही मैं परेशान हूं।’ जब उनसे पूछा गया कि क्‍या है केस राजनीति से प्रेरित है तो उन्‍होंने कहा, ‘यह आप तय कीजिए।’

इससे पहले कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी की ओर से नेशनल हेराल्‍ड केस में पेशी के खिलाफ दी गई अर्जी सोमवार (7 दिसंबर) को दिल्‍ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। अब दोनों को 8 दिसंबर की शाम चार बजे कोर्ट में पेश होना होगा। खबर यह भी है कि कांग्रेस इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। नेशनल हेराल्‍ड केस में अर्जी देने वाले भाजपा के नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर करने वाले हैं, ताकि सोनिया-राहुल को वहां से भी राहत नहीं मिले और दोनों को कोर्ट में हाजिर होना ही पड़े। वैसे, सोनिया गांधी इन दिनों देश से बाहर भी हैं।

यह मामला नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की अरबों रुपये की संपत्ति हड़पने के आरोप से जुड़ा है। सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी और अन्य ने मिलकर साजिश रची। इसके तहत यंग इंडिया के नाम से एक कंपनी बनाई गई, जिसने नेशनल हेराल्ड की पब्लिशर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद एजेएल को 50 लाख रुपये देकर यंग इंडिया लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार ले लिया। शुक्रवार को हाई कोर्ट ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी 90.25 करोड़ रुपये का लोन वूसलने का अधिकार उसी कंपनी को देने के बजाया, जिसके निदेशकों में कुछ कांग्रेसी नेता शामिल थे, यह रकम छोड़ सकती थी। न्यायमूर्ति सुनील गौड़ की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए 26 जून 2014 को इस मामले में निचली अदालत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा एआइसीसी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, जनरल सेक्रेटरी ऑस्कर फर्नांडीज, सुमन दूबे व सैम पित्रोदा को समन जारी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। निचली अदालत ने सभी के खिलाफ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी पर यह समन जारी किया था।

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