संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शुक्रवार (9 मार्च) को केंद्र सरकार पर सीधा हमला किया। उन्‍होंने आरोप लगाया कि लोगों की स्‍वतंत्रता ”व्‍यवस्थित और लगातार हमलों” का शिकार है क्‍योंकि सत्‍ताधारी दल की ओर से भड़काऊ भाषण जुबान का फिसलना नहीं, ”एक खतरनाक डिजाइन का हिस्‍सा” हैं। इंडिया टुडे कॉन्‍क्‍लेव 2018 के अपने संबोधन में, पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्षा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी चुटकी ली। प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्‍न योजनाओं के नाम का संक्षिप्‍त रूप बताए जाने की आदत पर सोनिया ने उन्‍हीं के अंदाज में कहा, ”हमें फास्‍ट (तेज) चलने की जरूरत है, लेकिन F.A.S.T. का मतलब पहले करो, फिर सोचो नहीं हो सकता। संक्षिप्‍त रूप देना संक्रामक हो सकता है।” इसके बाद वहां दर्शकों की ओर से ठहाके गूंजने लगे। सोनिया ने कहा, ”हमारे समाज, हमारी स्‍वतंत्रता सब पर अब व्‍यवस्थित और लगातार हमले हो रहे हैं। इस बारे में कोई गलतफहमी मत पालिए। यह भारत के मूल विचार को बदलने का बहुत लम्‍बा, सोचा-समझा गया प्रोजेक्‍ट है।”

गांधी ने आगे कहा, ”अपने लिए सोचने और किसी से अपनी इच्छानुसार शादी करने की स्‍वतंत्रता खतरे में है। सत्‍ताधारियों की ओर से भड़काऊ भाषण यूं ही नहीं आते हैं। वे एक खतरनाक डिजाइन का हिस्‍सा हैं।” सोनिया के अनुसार, सत्‍ता के संरक्षण में निजी सेनाओं को खुला छोड़ दिया गया है। उन्‍होंने कहा क‍ि देश का संविधान बदलने से जुड़े बयान ”भारत की मूल बातों को ही हटाने की तरफ इशारा” करते हैं।

सोनिया ने कहा, ”संसदीय बहुमत बहस को खत्‍म करने का लाइसेंस नहीं माना जाना चाहिए। हमारी स्‍वतंत्रताओं पर हमला हो रहा है। हमारे लोगों की बेताबी बढ़ती जा रही है। उन्‍होंने कहा कि यह उनके व्‍यवहार में नहीं है कि ”ग़म और कयामत की आवाज बनें लेकिन हमें चीजों को उसी तरह देखना होगा, जैसी वे हैं।”

पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष ने दलितों व अल्पसंख्‍यकों पर हिंसा को लेकर कहा कि ”दलितों पर अत्‍याचारों को लेकर हैरान कर देने वाली संवेदनहीनता देखने को मिली। समाज को चुनाव जीतने के लिए बांट दिया गया है। धार्मिक तनाव को बढ़ाया जा रहा है।”