Sonam Wangchuk News: लेह में हुई हिंसा और उसके बाद पर्यावरण कार्यकर्ता पर गृहमंत्रालय द्वारा लगे आरोप के बीच सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है। वांगचुक पर आरोप पाकिस्तान से कनेक्शन के भी लगे हैं और उनकी फंडिग भी संदेह के घेरे में आ गई है। इस बीच लद्धाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने कहा कि पुलिस वांगचुक के कथित पाकिस्तानी कनेक्शन की भी जांच कर रही है।
दरअसल, लद्दाख के डीजीपी जामवाल ने लेह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ (खुफिया ऑपरेटिव) को गिरफ्तार किया है जो उनके बारे में रिपोर्टिंग कर रहा था। डीजीपी ने सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसलिए उन पर बड़ा सवालिया निशान है।
सोनम वांगचुक की फंडिंग की हो रही जांच
लद्दाख के डीजीपी जामवाल ने कहा कि वांगचुक का जनता को भड़काने का इतिहास काफी पुराना रहा है, जबकि उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि एफसीआरए उल्लंघन के लिए उनकी फंडिंग के सोर्स की जांच चल रही है।
बता दें पर्यावरण कार्यकर्त सोनम वांगचुक को शुक्रवार को लद्दाख पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया था। इससे दो दिन पहले केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
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विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा
गौरतलब है कि भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश की मान्यता की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। इन मांगों को लेकर बुधवार को हो रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
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वांगचुक पर लगे हैं आरोप
वहीं न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट बताती है कि डीजीपी ने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए गए थे। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना”हुई थी, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और नागरिक, पुलिस अधिकारी और अर्धसैनिक बल के जवान घायल हो गए।
जामवाल ने वांगचुक का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल हैं; उनकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न है।
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