केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को 8 अगस्त तक अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि सरकार अविलंब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस आदर्श कुमार गोयल को बर्खास्त करे। पासवान ने अपने अल्टीमेटम में कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनकी पार्टी की ‘दलित सेना’ देशभर में आंदोलन करेगी। चिराग पासवान और उनके पिता केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने क्रमश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री को पत्र भी लिखा था। पत्र में भी एनजीटी अध्यक्ष को हटाने की मांग की गई थी।
बता दें कि सोमवार (23 जुलाई) को रामविलास पासवान के घर पर एनडीए के करीब 25 दलित सांसदों ने बैठक की थी। इसमें तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे। बैठक में सभी सांसदों ने एससी/एसटी अत्याचार निरोधक कानून पर अध्यादेश लाने और सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन में आरक्षण लागू करने पर चर्चा की। साथ ही एससी/एसटी एक्ट को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस गोयल को हटाने पर सर्वसम्मति से फैसला किया। इस साल 20 मार्च को जस्टिस गोयल और जस्टिस यूयू ललित की खंडपीठ ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) एक्ट में बड़ा बदलाव करते हुए फैसला सुनाया था कि किसी भी आरोपी को दलित अत्याचार के केस में प्रारंभिक जांच के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इससे पहले केस दर्ज होने के बाद ही गिरफ्तारी का प्रावधान था। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अगर किसी के खिलाफ एससी/एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज होता है, तो वो अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकेगा।
जस्टिस गोयल 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे और उसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें एनजीटी अध्यक्ष नियुक्त किया था। एनडीए सांसदों का तर्क है कि जस्टिस गोयल को एनजीटी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने से दलित समुदाय के बीच मोदी सरकार के प्रति संदेश नहीं गया है। दलित समुदाय को लगता है कि उनके अधिकारों पर कैंची चलाने वाले जज को सरकार ने रिवॉर्ड दिया है। दलितों की यह भावना आगामी चुनावों में एनडीए को नुकसान पहुंचा सकती है। इधर, दलित संगठनों ने 2 अप्रैल की तरह 9 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

