जम्मू-कश्मीर के पम्‍पोर में हुए आतंकी हमले के दौरान इंडियन आर्मी ने जिन लोगों को बचाया, उनमें आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन सरगना सैयद सलाउद्दीन का बेटा सैय्यद मुईद भी शामिल है। यह एनकाउंटर तीन दिन चला था। इसमें आर्मी के पांच जवान शहीद हुए थे और तीन आतंकी मारे गए थे। इस एनकाउंटर के दौरान 100 से ज्यादा लोगों को इंडियन आर्मी ने बचाया था। सलाउद्दीन पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले गुलाम कश्‍मीर में रहता है और टेरर कैंप चलाता है। वह कश्‍मीर में आतंक फैलाने वाले संगठनों का सरगना है। हैरानी की बात यह है कि मुईद को इंडियन आर्मी के जांबाजों ने बचाया, लेकिन जब मीडिया ने उससे इस बारे में बात करनी चाही तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मुईद के एक दोस्त ने कहा कि आर्मी ने अकेले मुईद को नहीं बचाया। वहां दूसरे लोग भी तो थे। उसने कहा, ‘मीडिया इसको खबर क्यों बना रहा है? सबको बचाया गया तो मुईद को भी बचा लिया गया?’

सलाउद्दीन के तीन बेटे हैं। उनमें से एक मुईद है। वो एक कंपनी में आईटी मैनेजर है। उसके दो भाई मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े हुए हैं। हालांकि, ये तीनों अपने पिता की तरह आतंकियों गतिविधियों में लिप्‍त नहीं है। पिछले शनिवार की शाम आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई के दौरान आतंकी भागकर पास की EDI (इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट) की बिल्डिंग में घुस गए थे। सीआरपीएफ ने आतंकियों का पीछा करते हुए बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने ग्रेनेड अटैक और हैवी फायरिंग कर सीआरपीएफ को बिल्डिंग में घुसने से रोक दिया। बिल्डिंग में 120 लोग मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षित निकालना बड़ी चुनौती थी। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के सफलाए के लिए रविवार दोपहर ऑपरेशन लॉन्च किया था, जो कि सोमवार दोपहर को खत्‍म हुआ था।

Read Also: जब सेना आतंकियों से लड़ रही थी, तब लाउड स्‍पीकर से लगे पाक समर्थित नारे, पत्‍थरबाजी भी की गई