बीते कुछ दिन से लापता गुजरात के वडोदरा स्थित एक बड़े तेल कारोबारी का बेटा शिमला के एक होटल में बर्तन धोते हुए मिला। कारोबारी का बेटा खुद की काबिलियत को साबित करने घर से भागा। 19 वर्षीय लड़के का नाम द्वारकेश ठक्कर है। गुजरात पुलिस कई दिनों से उसे ढूंढ रही थी। वसाड के इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र द्वारकेश 14 अक्टूबर को घर से हमेशा की तरह ही कॉलेज के लिए निकला था। घर वापस न लौटने पर माता-पिता ने पुलिस को जानकारी दी।

पुलिस तहकीकात में सामने आया है कि न तो उसे अपना कॉलेज पसंद था और न ही पढ़ना। इस वजह से वसाड न जाकर वह वडोदरा रेलवे स्टेशन की तरफ निकल पड़ा। यहां से द्वारकेश ने दिल्ली का रुख किया जिसके बाद वह लापता हो गया।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक माता-पिता उसे ढूंढते रहे लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इस दौरान पुलिस अपना काम करती रही। पुलिस ने गुजरात और मुंबई में उसकी लोकेशन का पता लगाया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया ‘लड़के ने अपना मोबाइल फोन घर पर ही छोड़ दिया था। हमने वडोदरा रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और उस ऑटो रिक्शा वाले का बयान दर्ज किया जिसने उसे वडोदरा सिटी के अक्षर चौक तक छोड़ा था।’

पुलिस के लिए द्वारकेश को ढूंढना हर दिन के साथ मुश्किल होता जा रहा था लेकिन सोमवार को शिमला के एक होटल मैनेजर के फोन कॉल ने केस को मिनटों में सुलझा दिया। दरअसल शिमला के होटल में बर्तन धोकर अपना गुजारा कर रहे द्वारकेष नई जॉब की तलाश में एक होटल में नौकरी मांगने पहुंचा था। मैनेजर की नजर जब उसपर पड़ी तो उन्होंने पाडरा पुलिस स्टेशन पर कॉल कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने पुलिस से कहा कि वह बच्चे का बैकग्राउंड चेक करें।

केस की जांच रहे पुलिस अधिकारियों को जैसे ही मैनेजर की सूचना मिली शिमला में परिवार के साथ घुमने गए दो कांस्टेबल को तुरंत लोकेशन पर जाने के लिए कहा गया। हालांकि द्वारकेष तब तक होटल से जा चुका था। कांस्टेबल ने मैनेजर से पूछा तो उन्होंने बताया कि बच्चे ने जानकारी दी थी कि वह हाइवे पर किसी होटल में काम करता है।

इसके बाद दोनों कांस्टेबल ने इलाके के सभी होटल और टैक्सी ड्राइवर से संपर्क किया। इस दौरान सोमवार को एक टैक्सी ड्राइवर का फोन आया और जिसने सूचना दी कि एक बच्चा शिमला टाउन में सड़क किनारे सो रहा है। इसके बाद दोनों मौके पर पहुंचे और द्वारकेष को ढूंढ लिया गया। इसके बाद उसे परिवार को सौंप दिया गया।