रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आरोप लगाया कि कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर देश की संपदा (डीप असेट्स) को लेकर समझौते किए, हालांकि उन्होंने किसी का नाम लेने से परहेज किया।
पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से आ रही नौका से संबंधित तटरक्षक बल के अभियान के बारे में ब्यौरा नहीं दिया था क्योंकि इससे ‘(सूचना के) के स्रोत को लेकर समझौता हो सकता था।’
हिंदी साप्ताहिक पत्रिका ‘विवेक’ का एक विशेष अंक जारी किए जाने के मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘आखिरकार आप को संपदा (डीप असेट्स) तैयार करनी होती है। ये संपदा 20-30 साल में तैयार हुई। दुखद है कि ऐसे कुछ प्रधानमंत्री थे जिन्होंने संपदा को लेकर समझौते किए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नामों का खुलासा नहीं करने जा रहा हूं।’’ संदिग्ध आतंकवादियों वाली पाकिस्तानी नौका के खिलाफ तटरक्षक बल के हालिया अभियान को लेकर सबूत की मांग करने को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘इसको लेकर सबूत की मांग की गई (कि यह पाकिस्तानी आतंकी नौका थी।) इस तरह के अभियान में हम एक कैमरामैन और कांग्रेस के प्रवक्ता को भी साथ लेकर चलेंगे।’’
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने सीमा सुरक्षा मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है। कल, अगर युद्ध हो जाए और उसी समय देश के कुछ हिस्सों में दंगे हो जाएं तो यह जटिल स्थिति होगी।’’