IAS अफसर अशोक खेमका का फिर से ट्रांसफर हुआ है। यह उनका 53वां तबादला है। बुधवार को उन्होंने इसी बाबत ट्वीट किया। लिखा, “फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं। कल संविधान दिवस (26 नवंबर) मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे। अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।”

खेमका के इसी ट्वीट पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके मजे लिए और लिखा कि आपका तबादला और सैट मैक्स चैनल पर फिल्म सूर्यवंशम चलती रहती है, जबकि एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की कि सत्य परेशान हो सकता है। पर पराजित नहीं। हालांकि, इस ट्वीट पर ज्यादातर लोगों ने उनका समर्थन किया और कहा कि वह ईमानदार हैं।

खेमका, हरियाणा कैडर से 1991 बैच के सीनियर IAS अधिकारी हैं। उन्हें इस बार अभिलेख, पुरातत्व और संग्रहालय विभागों का प्रधान सचिव बनाया गया है. इससे पहले, 2019 में ही उनका तबादला किया गया था। और, उन्हें तब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था।

बता दें कि खेमका गुरुग्राम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदे मामले की जांच से चर्चा में आए थे। माना जाता है कि खेमका जहां भी ट्रांसफर किए जाते हैं, वहां वह भ्रष्टाचार और घोटालों का भंडाफोड़ करते हैं। यही वजह है कि उनका बार-बार तबादला कर दिया जाता है।

उन्हें भूपिंदर सिंह हुड्डा के शासन में विभिन्न स्कैम का खुलासा करने के लिए भी जाना जाता है। प.बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्में खेमका ने IIT खड़गपुर से पढ़ाई की है। उन्होंने वहां से साल 1988 में बीटेक किया और फिर कंप्यूटर साइंस में पीएचडी हासिल की। उन्होंने इसके अलावा एमबीए भी किया है।