सीनियर आईपीएस अधिकारी संजीव कुमार सिंघल को बिहार का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। साल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी एसके सिंघल फिलहाल बिहार में होम गार्ड्स एंड फायर सर्विसेज के डीजी-कम-कमांडेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद इस पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सिंघल अगस्त 2021 तक डीजीपी बने रह सकते हैं। गृह विभाग ने संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। पांडेय ने राजनीति में आने के चलते डीजीपी रहते वीआरएस ले लिया था जबकि उनका डीजीपी टर्म पूरा होने में करीब पांच महीने बाकी बचे थे।

वीआरएस लेने के बाद पांडेय ने सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी। खुद सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। इसके बाद उनके चुनाव लड़ने के चर्चे तेज हो गए थे। बक्सर से मैदान में उतरने को लेकर लगातार उनसे सवाल पूछे जा रहे थे, लेकिन जेडीयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।

बता दें कि सिंगल करीब ढाई दशक पहले तब खासे सुर्खियों में आए जब सीवान के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन ने उन पर हमला किया था। तब वो सिवान के एसपी थे। साल 2007 में इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने शहाबुद्दीन को तब एसपी रहे सिंघल पर हमला करने के आरोप में दस साल की सजा सुनाई थी। साल 1996 में सिंघल सिवान में बतौर एसपी थे। खुद पर हमले के बाद सिंघल ने शहाबुद्दीन के खिलाफ सीवान के दरौली पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी इसी सक्रियता और कार्रवाई ने शहाबुद्दीन के अदालत में दोषी साबित होने और उसे सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय है कि गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद एसके सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। गृह विभाग ने 22 सितंबर को उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी। सरकार के स्तर पर डीजीपी के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही थी मगर आखिर एसके सिंघल ही डीजीपी के रूप में चुना गया।