निर्भय कुमार पांडेय
’अपनी दादी के साथ सिंघू बॉर्डर पर आंदोलनरत मनजोत कौर ने यह बातें कहीं। कौर का विश्वास है कि वह एक दिन जरूर जीतेगी। तो वहीं, आंदोलन में शामिल हुई छह साल की बच्ची दिलजीत कौर ने कहा कि जंग तब तक जारी रहेगी, जब तक जीत नहीं जाते। कृषि कानूनों के खिलाफ बड़े ही नहीं बच्चे भी शामिल हो रहे हैं।
इन कानूनों के खिलाफ किसान सिंघू बॉर्डर के अलावा दिल्ली के टिकरी, गाजीपुर, चिल्ला और ढांसा सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। अब तक करीब डेढ़ महीने का वक्त बीत चुका है। लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। अभी तक तो इस आंदोलन में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं ही शामिल हो रही थीं, लेकिन अब छोटे बच्चे भी सर्दी की परवाह किए बिना आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। तो वहीं, सिंघू बॉर्डर पर रात के वक्त एक जिले के 20-25 युवा रात आठ बजे से लेकर सुबह के छह बजे तक पहरा दे रहे हैं। हालांकि, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल भी तैनात है।
दादा-दादी के साथ आंदोलन कर रहे बच्चे
सिंघू बॉर्डर पर काफी संख्या में बच्चे भी आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। बच्चों को मंच पर बोलने का भी मौका दिया जा रहा है। फिरोजपुर जिले से आए दस साल के गुरकीरत सिंह ने कहा कि वह अपने दादा जी के साथ आंदोलन में हिस्सा लेने आया है। उसने कहा कि हमारा हक है, जिसे सरकार से लेकर रहेंगे।

