चुनावी राज्य महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और शिवसेना से गठबंधन कर राज्य में सरकार चला रही भाजपा ने मंगलवार को अपने 125 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी। प्रदेश में भाजपा-शिवसेना के बीच गठबंधन है ऐसे में कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां से दोनों पार्टी अपने उम्मीदवारों की अदला-बदला कर सकती हैं। ऐसा ही एक मामला कल्याण (वेस्ट) से सामने आया है जहां की सीट भाजपा ने शिवसेना को दे दी। हालांकि इसपर स्थानीय भाजपा नेताओं ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। सीट बदलने के चलते क्षेत्रिय स्तर पर आंतरिक कलह और बगावत भी नजर आने लगी है।
दरअसल शिवसेना ने ऐरोली के लिए सीट की अदला-बदली की है, जिसे भाजपा ने मांगा था। इससे नाराज कल्याण के छह पार्षदों और पार्टी विधायक नरेंद्र पवार ने इस्तीफा दे दिया। इसी बीच उन्होंने विधानसभा चुनाव से दूर रहने का भी संकल्प लिया।
शिवसेना ने अभी इस सीट से अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है मगर शिवसेना के संरक्षक मंत्री एकनाथ शिंदे का विश्वास है कि विद्रोह समाप्त हो जाएगा और गठबंधन एक बार फिर जीतेगा। इसी बीच पार्षदों और विधायक ने भाजपा के राज्य प्रमुख चंद्रकांत पाटिल को अपना इस्तीफा दे दिया और विरोध प्रदर्शन किया।
नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसके अलावा विरोध प्रदर्शन स्वरूप एक रैली भी निकाली, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर खूब निशाना साधा गया। उन्होंने कल्याण में भाजपा को कमजोर करने के लिए आला नेताओं पर निशाना साधा। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी पवार से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का आग्रह किया।
जानना चाहिए प्रदेश में भाजपा के बड़े नेता एकनाथ खड़से ने भी पार्टी टिकट ना दिए जाने पर बगावती तेवर अपना लिए हैं। भाजपा की लिस्ट में खुद का नाम ना होने पर उन्होंने अपना नामांकन भर दिया। पूर्व मंत्री खड़से मुक्ताईनगर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं। इसी सीट से उन्होंने अपना पर्चा दाखिल किया है।
नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि लंबे समय से वो भाजपा के वफादार हैं और उन्हें अभी भी टिकट की उम्मीद है। खड़से की सीट से अभी किसी और के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। बता दें कि भाजपा ने इस चुनाव में 12 मौजूदा विधायकों का टिकट काटा है इसमें एकनाथ खड़से भी हैं।