सपा के दिग्गज नेता आजम खान 20 मई को सीतापुर जेल से बाहर आ गये। उनकी रिहाई के दौरान उनके दोनों बेटे सपा विधायक अब्‍दुल्‍ला आजम और अदीब भी सीतापुर जेल के बाहर मौजूद रहे। वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी आजम खान का स्वागत करने पहुंचे थे।

आजम खान की रिहाई के दौरान शिवपाल की मौजूदगी को लेकर समाजवादी पार्टी की तरफ से उनपर निशाना साधा जा रहा है। एक टीवी न्यूज चैनल के डिबेट शो में शामिल सपा नेता आशीष चतुर्वेदी ने शिवपाल का बिना नाम लिए कहा कि अपनी डुबती नाव बचाने में कुछ लोग लगे हुए हैं। वहीं जब उनसे सवाल किया गया कि आजम खान और अखिलेश यादव के बीच सब कुछ सही है?

इसपर सपा नेता ने कहा, “अंदरखाने में सबकुछ सही है बस मीडिया और सोशल मीडिया में चीजें सही नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी बहुत नाराजगी होगी भी तो मैं साफ बता दूं कि आजम खान कहीं नहीं जाने वाले हैं।

इसके आगे सपा नेता चतुर्वेदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग आजम खान का नाम अपनी पार्टी, अपने अस्तित्व के साथ जोड़कर अपनी राजनीतिक दुकान को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं। इसपर एंकर ने कहा कि आपका इशारा प्रसपा, शिवपाल की तरफ है क्या? तो सपा नेता ने कहा ,”किसी का नाम लेना ठीक नहीं होगा, वहां कांग्रेस के भी लोग और तमाम लोग गये थे। जो लोग अपनी डूबती नाव को किनारे पर लाने का प्रयास कर रहे हैं वो आजम खान को अपने साथ लाना चाह रहे हैं।”

इसपर शो में शामिल प्रसपा प्रवक्ता अरविंद यादव ने सपा नेता को जवाब देते हुए कहा, “जो लोग समाजवादी पार्टी को इस हद तक पहुंचाए हैं, वो दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं?” प्रसपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता और शिवपाल यादव ने आजम खान से मुलाकात की लेकिन सपा के नेता उनसे मिलने नहीं गये। आखिर किस दुख में सपा आजम खान का नाम नहीं ले रही है?

अरविंद यादव ने कहा कि अखिलेश यादव आजमगढ़, वाराणसी की जेलों में मिलने जा सकते हैं लेकिन सीतापुर नहीं जा सकते। क्या सपा मिलना नहीं चाह रही थी?

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आजम खान के बीच अनबन होने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में तमाम विपक्षी दलों का प्रयास है कि आजम खान को अपने साथ लाया जाय। जिससे उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में लाभ मिल सके।

आजम की रिहाई पर क्या बोले अखिलेश यादव: सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान के रिहा होने पर अखिलेश यादव ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं।पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियाँ नहीं!”

दरअसल, आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से 19 मई को अंतरिम बेल मिली थी। उन पर 89 अलग-अलग मुकदमे थे, जिसकी वजह से उन्हें 27 महीने जेल में रहना पड़ा। 26 फरवरी 2020 को उन्हें अरेस्ट किया गया था। पत्नी और बेटे भी इसी जेल में बंद थे, जिनकी आजम से पहले रिहाई हुई थी।