उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के दौरान एक स्कूल बस में बैठा छात्र, चालक की सूझबूझ के चलते बाल-बाल बच गए। दरअसल, चालक ने बस में बचे आखिरी बच्चे के माता-पिता को फोन कॉल कर स्थान से कुछ मीटर पहले ही बुला लिया और बच्चे को उन्हें सौंप दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस बस पर पथराव किया। बता दें कि विवेक विहार स्थित अरवाचीन भारती भगवान सीनियर सेंकेंडरी स्कूल के परिवहन मैनेजर चंद्रशेखर के मुताबिक, बस में 25-30 छात्र थे, जिन्हें सीलमपुर और जाफराबाद में छोड़ा जाना था। यह घटना मंगलवार (17 दिसंबर) की है।

विरोध-प्रदर्शन से कम छात्र आए थे स्कूलः बस चालक के मुताबिक, बस में उस वक्त सिर्फ एक ही छात्र था जब एक पत्थर बस के शीशे पर आकर लगा। वहीं, इलाके में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान जाफराबाद में 21 छात्र अपने स्कूल में करीब दो घंटे तक फंसे रहे। मामले में एमसीडी सकूल के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल के नजदीक ‘भारी’ पथराव हुआ और छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल का गेट बंद कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इस स्कूल में 200 छात्र पढ़ते हैं लेकिन शहर में प्रदर्शन के कारण मंगलवार को केवल 21 छात्र ही आए थे।

National Hindi News 18 December Live Updates: दिन भर की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

बस पर फेका गया पत्थर- परिवहन मैनेजरः मैनेजर चंद्रशेखर ने कहा, ‘यह पत्थर प्रदर्शनकारियों ने नहीं फेंका था, बल्कि जाफराबाद में स्थित किसी घर में से फेंका गया था। इस पर चालक को अंदाजा हो गया कि स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है और उसने बस में बैठे छात्र के माता-पिता को कॉल किया।’ उन्होंने कहा कि छात्र को जहां छोड़ना था, बस उससे कुछ मीटर की दूरी पर थी लेकिन चालक ने उसके माता-पिता को कॉल करके बस स्टॉप से पहले बुला ही लिया।

यू टर्न लेकर जाने पर फंसा गया था बसः मामले में चंद्रशेखर ने बताया कि माता-पिता को बच्चे को सुरक्षित सौंपने के बाद चालक ने यू टर्न लेकर बस को विवेक विहार जाने लगा लेकिन यह बस प्रदर्शनकारियों के बीच फंस गई और प्रदर्शनकारियों ने इस पर पथराव किया जिसमें बस के शीशे टूट गए। अधिकारी ने बताया कि बच्चों के माता-पिता के स्कूल पहुंचने के बाद उन्हें पिछले दरवाजे से बाहर ले जाया गया। बता दें कि यह स्कूल जाफराबाद पुलिस थाने के नजदीक स्थित है।