RBI Governor Sign on Indian Currency: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश का सेंट्रल बैंक है। इसे सभी बैंकों का बैंक कहते हैं। आरबीआई की तरफ से जारी हर एक नोट में गर्वनर के साइन होते हैं। कोई भी नोट ऐसा नहीं मिलेगा जिसमें गवर्नर के साइन ना हो। अब देश के नोटों में बीकानेर के बेटे संजय मल्होत्रा के साइन नजर आएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर के तौर पर संजय मल्होत्रा ने अपना पद संभाल लिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के माध्यम से करेंसी मैनेजमेंट का जिम्मा दिया गया है। आरबीआई एक्ट की धारा 22 रिजर्व बैंक को नोट जारी करने का अधिकार देती है।
नोटों पर साइन क्यों करते हैं रिजर्व बैंक के गवर्नर?
अब नोटों पर आरबीआई के गवर्नर के साइन की बात करें तो दो या उससे ज्यादा रुपये के नोट पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। यह इस नोटों के वैध होने का सबूत देते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के साइन के साथ नोट पर एक छोटा सा वचन पत्र भी दिखाई देता है। यही इसको वैध बनाता है। इस वचन पत्र में लिखा होता है कि मैं धारक को रुपये अदा करने का वचन देता हूं। यह लाइन हर नोट पर देखने को मिलती है।
देश और विदेश के इस टॉप कॉलेज से पढ़ें हैं RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा
कौन हैं संजय मल्होत्रा
राजस्व सचिव मल्होत्रा वर्ष 1990 के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आरबीआई के गवर्नर के तौर पर पदभार संभाल लिया है। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का पदभार संभालने से पहले वह केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के तौर पर कार्यरत थे। संजय मल्होत्रा आईआईटी (IIT) कानपुर के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी सब्जेक्ट में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। वित्त मंत्रालय के सबसे बड़े अधिकारी को आरबीआई के गवर्नर के पद पर नियुक्त करने की परंपरा अभी की नहीं हैं बल्कि यह काफी पुरानी रही है। RBI के 26वें गवर्नर के तौर पर पदभार संभालने वाले बीकानेर के बेटे का कार्यकाल केवल तीन साल का ही रहेगा। पढ़ें विस्तृत खबर…