South Tax Movement: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया आज 135 विधायकों और सांसदों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार उनके राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और फंड में काफी कमी कर दी गई है। कर्नाटक राज्य को पिनाराई विजयन सरकार का समर्थन मिल रहा है। अब यह लड़ाई उत्तर बनाम दक्षिण पर केंद्रित होती जा रही है। वहीं, केरल सरकार गुरुवार को केंद्र के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएगी और प्रदर्शन करेगी। इनमें से कई नेताओं ने ट्वीट करते हुए इसे साउथ टैक्स मूवमेंट करार दिया है।
सीएम सिद्धारमैया के आर्थिक सलाहकार बसवराद रायरेड्डी ने कहा कि हम सभी लोग 16वें वित्त आयोग के लिए दवाब बनाएंगे। उनसे कहा जाएगा कि वह दक्षिण राज्यों के साथ भेदभाव की नीति नहीं अपनाए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को दक्षिण के राज्य लोकसभा चुनाव के बाद ही अधिक प्रखरता के साथ में उठाएंगे। रायरेड्डी ने कहा कि साउथ टैक्स मूवमेंट को लेकर केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की कांग्रेस ईकाई से बात की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी संपर्क साधने का काम किया जा रहा है।
पिनाराई विजयन ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
रायरेड्डी ने कहा कि 16वें वित्त आयोग की सिफारिशें अक्टूबर 2025 में दी जाएगी। इस सबसे पहले हमारे पास समय है कि अपनी बातों को प्रमुखता से रखा जा सके। केरल की पिनाराई विजयन की सरकार ने तो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट में पिनाराई विजयन सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के साथ भेदभाव की नीति को अपना रहा है और उसके कर्ज लेने की लिमिट को भी कम कर दिया है। इससे राज्य के विकास का काम रूक गया है।
कर्नाटक सरकार की तरफ से कहा गया कि15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद तमिलनाडु को छोड़कर सभी दक्षिणी राज्यों ने अपने हिस्से में कटौती का अनुभव किया हैं। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि 14वें से 15वें वित्त आयोग तक, कर्नाटक के फंड में 1.07 फीसदी की कमी आई है। पिछले चार सालों में कर्नाटक को कम टैक्स मिलने से काफी नुकसान झेलना पड़ा है। सीएम सिद्धारमैया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रह्लाद जोशी समेत कई नेताओं को चिट्ठी लिखी है और सभी से साथ देने का आग्रह किया है।