तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी के केस में सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल और सॉलीसिटर जनरल के बीच उस वक्त गहमागहमी हो गई जब सीनियर एडवोकेट ने PMLA के बेजा इस्तेमाल पर अपनी बात रखी। हालांकि उनकी बात सॉलीसिटर जनरल को अच्छी नहीं लगी। उन्होंने टोका तो सिब्बल का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया। मामला इतना बिगड़ा कि जस्टिस को बीच में दखल देकर बीचबचाव कराना पड़ गया।
सिब्बल का कहना था कि वो चिंतित हैं, क्योंकि मनी लांड्रिंग एक्ट का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। एडवोकेट बोले कि हम कोर्ट में अपने क्लाइंट के लिए खड़े हैं। वो जीत भी सकते हैं और हार भी। उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि देश का भविष्य अब ईडी तय करने लगी है। ये चीज अब सवालों के दायरे में है। ये उतनी सहज भी नहीं है। उनका कहना था कि सरकार ईडी के जरिये अपने विरोधियों को निपटाने में लगी है।
सिब्बल की बात पर सॉलीसिटर बोले- इमोशनल और पॉलीटिकल न हों
सॉलीसिटर जनरल ने उनकी बात को काटकर कहा कि प्लीज- इमोशनल और पॉलीटिकल होने के बजाए कानूनी नुक्तों पर बात करें। उनका कहना था कि 2002 से जब से ये एक्ट बना है तब से कभी भी 300 से ज्यादा अरेस्ट कभी भी नहीं की गई हैं। सरकार इस एक्ट का दुरपयोग नहीं कर रही है।
सिब्बल उनकी बात सुनकर भड़क गए। उनका कहना था कि मैंने इस मसले को पॉलीटिकल नहीं बनाया है। लेकिन अगर वो बनाएंगे तो मैं सवाल पूछना चाहूंगा कि उन सरकारों का क्या जो ईडी को आगे करके गिराई गई हैं। उनकी बात पर सॉलीसिटर जनरल का कहना था कि अगर ईडी का कोई अफसर किसी को गलत तंग करता है तो उसे दो साल तक जेल हो सकती है। PMLA एक्ट में ये प्रावधान किया गया है।
मेहता ने कहा- अफसर गलत करेंगे तो नपेंगे, सिब्बल ने पूछा- कितनों को सजा हुई
सिब्बल उनकी बात पर फिर से भड़क गए। उनका सवाल था कि क्या किसी ईडी अफसर को आज तक सजा हुई है। उनकी बात पर तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोई गलत अरेस्ट की गई तो…। सिब्बल ने फिर से तल्ख लहजे में कहा- कोई गलत अरेस्ट नहीं हुई?
दोनों के बीच की तकरार को देखकर जस्टिस एएस बोपन्ना को बीच में आना पड़ गया। जस्टिस ने जब देखा कि दोनों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहा तो उन्होंने दखल देकर कहा कि प्लीज- आप लोग कानूनी लड़ाई तक खुद को सीमित रखें। न इमोशनल हों और न ही पॉलीटिकल।