सियाचिन हिमनद में हिमस्खलन के बाद 25 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का एक जवान सोमवार को चमत्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा मिला। उनकी हालत गंभीर है। उन्हें दिल्ली लाकर आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके अलावा बाकी आठ जवान और एक जेसीओ की मौत हो गई है। सूत्र बताते हैं कि इन सभी की लाशें मिल गई हैं।
उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने सोमवार को बताया, ‘एक चमत्कारिक बचाव अभियान था। आज सुबह लांस नायक हनामन थापा को आर आर अस्पताल ले जाने के लिए सभी प्रयास किए गए।’
पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा के करीब 19000 फुट की ऊंचाई पर चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और मद्रास रेजिमेंट के अन्य नौ अधिकारी जिंदा दफन हो गए थे। यहां पर तापमान शून्य से 45 डिग्री सेल्सियस नीचे रहता है।
आर्मी ने शुक्रवार को लापता जवानों का नाम जारी किया था। स्पेशल इक्विपमेंट और स्निफर डॉग्स की हेल्प से बर्फ में नीचे दबे सोल्जर्स की लोकेशन सर्च की गई। अलग-अलग जगहों पर 25 से 30 फीट मोटी बर्फ की परत काटकर लांस नायक थापा को बाहर निकाला गया। इससे पहले श्रीनगर में डिफेन्स स्पोक्समैन लेफ्टिनेंट कर्नल एन.एन. जोशी ने बताया था कि जहां रेस्क्यू चल रहा है, उसके पास ही एक नया कैम्प बनाया गया है। ये कैम्प रेस्क्यू ऑपरेशन में हेल्प पहुंचाने के लिए है। जोशी ने कहा था कि अंतिम सोल्जर को ढूढ़ने तक ऑपरेशन जारी रहेगा।
Read Also:
#SiachenMiracle: हनमन थप्पा की मां बोलीं- बेटे ने सपने में आकर कहा था कि लौटेगा
Siachen में जवानों का जीवन: -70 डिग्री तक तापमान में लगातार हटानी पड़ती है बर्फ
सियाचीन हिमस्खलन: सेना ने बर्फ में फंसे सभी 10 सैनिकों को मृत घोषित किया