सियाचीन में बुधवार को हिमसख्‍लन के चलते बर्फ में फंसे सभी 10 जवानों को मृत घोषित कर दिया है। हिमस्‍ख्‍लन में एक जूनियर कमीशन ऑफिसर और 19 मद्रास बटालियन के नौ जवान फंसे थे। बुधवार को अलसुबह आर्मी पोस्‍ट हिमस्‍ख्‍लन की चपेट में आ गई थी। हिमस्‍खलन की घटना 19600 फीट की ऊंचाई पर हुई। जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने इस हादसे पर दुख जताते हुए बताया कि, यह दुखद घटना है। हम उन सभी सैनिकों को सलाम करते हैं जिन्‍होंने सभी चुनौतियों पर काबू पाते हुए सीमाओं की रक्षा की और ड्यूटी पर बलिदान दिया।’

उधमपुर में नॉर्दर्न कमांड में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता कर्नल एसडी गोस्‍वामी ने बताया कि, घटना के बाद लेह से रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के लिए स्‍पेशल इक्विपमेंट के साथ टीमों को भेजा गया। सेना और वायुसेना की इन टीमों ने दूसरे दिन भी राहत कार्य जारी रखा।’ उन्‍होंने बताया कि, ‘रेस्‍क्‍यू टीमाें को विपरीत मौसम का सामना करना पड़ा। हालांकि गहरे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि अब वहां से किसी को भी बचा पाने की संभावना नगण्‍य है।’

गौरतलब है कि जिस जगह पर हादसा हुआ वहां पर रात का तापमान माइनस 42 डिग्री तक गिर जाता है। जबकि दिन का तापमान भी माइनस 25 डिग्री रहता है। सियाचीन ग्‍लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। 1984 में भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत चलाकर पाकिस्‍तानी सेना को यहां से भगाया था। इसके बाद से यहां पर भारतीय सेना तैनात रहती है।