जम्मू कश्मीर में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर मारे गए आतंकी का शव छीन लिया। साथ ही पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। सुरक्षा बलों ने गुरुवार सुबह हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों के नाम नसीर पंडित और वसीम मल्ला है। इनमें से नसीर पहले पुलिसकर्मी था। दोनों हिजबुल के कमांडर बुरहान मुजफ्फर वानी के करीबी थे। पिछले साल सोशल मीडिया पर आई 11 हिजबुल आतंकियों की तस्वीर में नसीर भी शामिल था।
इन दोनों को सुरक्षा बलों ने शोपियां के वेहिल गांव में मार गिराया था। दोनों ने भागने की कोशिश की और गोलियां भी चलाई। इसके बाद जब नसीर के शव को ले जाया जा रहा था तो लोगों ने प्रदर्शन किया। पुलवामा और शोपियां में लोग प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बुलेटप्रूफ गाड़ी को हाईजैक कर लिया। वे उसे पुलवामा से पांच किलेामीटर दूर करीमाबाद ले गए और उसे आग लगा दी।
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करीमाबाद में नसीर के जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। साथ ही अज्ञात आतंकियों ने नसीर को 21 बंदूकों की सलामी दी। नसीर को दफनाने के समय चार बार नमाज पढ़ी गई। वहीं पहलीपुरा में भी वसीम को दफनाने के समय तीन अलग अलग जगहों पर नमाज पढ़ी गई। इसमें भी हजारों लोग शामिल हुए। पुलवामा के एसपी रईस अहमद मीर ने बताया,’ हां, पुलिस की एक गाड़ी को जला दिया गया। लेकिन इसे हाईजैक कहना गलत होगा क्योंकि वहां काफी भीड़ थी। पुलिस किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं चाहती थी।’
मारा गया आतंकी नसीर पहले पीडीपी मंत्री अल्ताफ बुखारी का पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर था। पिछले साल वह पुलिस की दो राइफल लेकर फरार हो गया था। बाद में वह अातंकी बन गया था। वहीं वसीम शोपियां जिला हिजबुल कमांडर था। वह 2012 में आतंकियों से जुड़ा था।
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