मुम्बई। शिवसेना ने महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार में शामिल होने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए आज विपक्ष में बैठने का निर्णय कर लिया। शिवसेना ने एक दिन पहले ही भाजपा को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि वह अपनी अल्पमत सरकार को बचाने के लिए राकांपा से समर्थन लेने के बारे में निर्णय दो दिन के भीतर स्पष्ट कर दे।
यह कदम अचानक उस दिन उठाया गया है जब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने 12 नवम्बर को महत्वपूर्ण विश्वास मत के दौरान देवेंद्र फडणवीस सरकार को बाहर से समर्थन देने की अपनी पार्टी के निर्णय को दोहराया।
शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोरहे ने संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा लिखा गया एक पत्र राज्य विधानसभा सचिव अनंत कलसे को सौंप दिया गया है जिसमें उन्होंने शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे के लिए विपक्ष के नेता के पद की मांग की है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का लिखा एक पत्र अनंत कलसे को सौंपा गया है जिसमें उन्हें सूचित किया गया है कि एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हम सदन में 63 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं, हमारे नेता को विपक्ष का नेता नियुक्त करना उचित होगा। हम उम्मीद करते हैं कि शिंदे के नाम की घोषणा जल्द से जल्द की जाएगी।’’
केंद्रीय मंत्रिपरिषद के पहले विस्तार का बहिष्कार और राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई को दिल्ली हवाई अड्डे से वापस बुलाये जाने के बाद उद्धव ने कल शाम भाजपा को अल्टमेटम देते हुए कहा था कि वह महाराष्ट्र में अपनी सरकार बचाने के लिए राकांपा से समर्थन लेने के बारे में अपना रुख स्पष्ट करे।
अनिल देसाई को भी कल मंत्री के तौर पर शपथ दिलायी जानी थी लेकिन उद्धव ने उन्हें हवाई अड्डे से वापस मुम्बई बुला लिया। उद्धव ने कल शाम पार्टी विधायकों से मुलाकात करने तथा शिंदे को उनका नेता नियुक्त करने के बाद कहा था, ‘‘यदि हमें अगले दो दिनों में (भाजपा से) कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हम विपक्ष में बैठ जाएंगे।’’
चूंकि शरद पवार नीत राकांपा ने एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया कि वह 12 नवम्बर को विश्वास मत के दौरान देवेंद्र फडणवीस सरकार का बाहर से समर्थन करेगी। अपने अल्टीमेटम पर भाजपा की ओर से जवाब नहीं मिलने से संभवत: नाराज शिवसेना ने विपक्ष में बैठने का मन बना लिया। राकांपा के 41 विधायक हैं।
राकांपा के समर्थन के वादे के बाद भाजपा ने शिवसेना के कदम पर आत्मविश्वास के साथ प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘‘यह उनका अधिकार है’’ और ‘‘उन्हें सरकार में शामिल होने के लिए किसने कहा था?’’
राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चूंकि विपक्षी दलों में उनके पास सबसे अधिक सीटें हैं, विपक्ष का नेता पद होना उनका अधिकार है। हम उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि भाजपा 121 विधायकों के साथ उस सदन में बहुमत कैसे साबित करेगी जिसकी प्रभावी संख्या 287 है, खड़से ने कहा, ‘‘हम अपनी रणनीति का खुलासा नहीं कर सकते लेकिन आप बुधवार को देखेंगे कि हम आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे और आसानी से राज्य चलाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई विकल्प हैं। कई लोगों ने मुलाकात की है और कहा है कि वे हमारे लिए मतदान करेंगे, हमारे साथ रहेंगे।’’
पवार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अल्पमत की सरकार को समर्थन का निर्णय ‘‘सोच समझकर और सामूहिक रूप से’’ राज्य के व्यापक हित में किया गया है। हमसे किसी ने भी समर्थन नहीं मांगा था। भाजपा हमारा समर्थन नहीं लेने के लिए मुक्त है।’’