मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों संसद में पास हुए कृषि सुधार विधेयकों का समर्थन करते हुए पीएम मोदी को ‘किसानों का भगवान’ बता दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कृषि विधेयक का विरोध करने वाले विपक्ष को ‘किसानद्रोही’ करार दिया है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी कृषि विधेयक वापस लेने की मांग कर रही है। इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी देश व्यापी विरोध प्रदर्शन की तैयारी भी कर रही है।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां बिचौलियों की पैरवी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘दूरदृष्टि से फैसले करने वाले प्रधानमंत्री किसानों के भगवान हैं। कृषि सुधारों से संबंधित तीनों विधेयक किसानों के लिए वरदान हैं जिनसे किसानों की आय दोगुनी होगी।’ शिवराज ने कहा कि ‘इन विधेयकों का विरोध कर रहे विपक्षी दल अन्नदाताओं के शुभचिंतक नहीं, बल्कि किसानद्रोही हैं। वे किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं होने दी जाएंगी।’
मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा कि ‘अगर कोई निर्यातक अच्छे दाम देकर सीधे किसानों से गेहूं और धान खरीदता है तो किसी बिचौलिये की जरूरत क्या है? विपक्षी दल बिचौलियों का समर्थन क्यों कर रहे हैं?’
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान से पहले केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पीएम मोदी को नाम लिए बगैर ‘भगवान’ बता दिया था। दरअसल बीते फरवरी माह में बेगूसराय में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा था कि ‘बुरा ना मानें तो भगवान का उदय हो चुका है, जिसे आपने 303 सीट देकर विजयी बनाया है। वहीं आपके भगवान हैं और जब तक ये देश के प्रधानमंत्री हैं तब तक दुनिया की कोई ताकत भारत माता का अपमान नहीं कर सकती।’
सरकार का कहना है कि नए कृषि विधेयक से देश के किसानों की हालत सुधरेगी और उन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। वहीं विपक्षी पार्टियां एमएसपी के मुद्दे पर इन विधेयक का विरोध कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो इन विधेयक के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनायी है।
वहीं एनडीए में भी इस बिल के विरोध में आवाज उठने लगी हैं। एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने तो इन बिल के विरोध में केन्द्रीय मंत्री पद से ही इस्तीफा दे दिया था। अब बिहार विधानसभा चुनाव से जदयू ने भी एमएसपी का मुद्दा उठाया है। जदयू नेता केसी त्यागी ने कृषि विधेयकों के संसद में पास होने का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने मांग की है कि ‘केन्द्र को किसानों की बात मानते हुए ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे फसल खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम रकम चुकाने को अपराध करार दिया जाए।’