Shivaji Vishalgad Fort Controversy: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में राज्यसभा सांसद संभाजीराजे के बुलावे पर खुद को शिवभक्त बताने वाले उनके समर्थकों किले की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने वाले अतिक्रमणों को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके चलते स्थिति हिंसा तक पहुंच गई। नतीजा ये हुआ कि आस पास के निवासियों की संपत्ति और एक स्थानीय मस्जिद में तोड़फोड़ हुई।

यह तोड़फोड़ विशालगढ़ किले से 3 किमी दूर स्थित गजपुर नामक गांव में हुई, जहां के निवासियों का कहना है कि किले पर अतिक्रमण से उनका कोई संबंध नहीं है। हिंसा के बाद संभाजीराजे खुद मौके पर पहुंचे और घोषणा की कि जब तक अतिक्रमण नहीं हट जाता, वे वहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने दावा किया कि कुल 158 अतिक्रमण हैं, जिनमें से केवल छह के खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा है। उन्होंने पूछा कि बाकी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

अतिक्रमण का है अहम मामला

वहीं यह मामला सीएम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के फोन कॉल के बाद थोड़ा ठंडा हुआ। एकनाथ शिंदे कोल्हापुर पहुंचे और उन्होंने संभाजीराजे को कार्रवाई का भरोसा दिलाया। बता दें कि शिवाजी हमेशा से ही भारतीय संस्कृति के केंद्र में रहे हैं। विशालगढ़ किले में अतिक्रमण का मुद्दा, जिसमें दुकानें, होटल और निजी आवास शामिल हैं, पिछले कुछ सालों से गरमाया हुआ है।

सबसे विवादास्पद संरचनाएं मलिक रेहान दरगाह के आसपास की हैं, जो किले से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो 14वीं शताब्दी की है और जहां सभी धर्मों के श्रद्धालु आते हैं। पहले दरगाह पर जानवरों की बलि दी जाती थी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद से इसे बंद कर दिया गया है।

अधिकारियों को मिल रही है शिकायतें

किले में अवैध निर्माणों को हटाने के लिए महायुति सरकार ने 1.17 करोड़ रुपये का बजट अवांटित किया है। शिवसेना बीजेपी और एनसीपी ने पिछले साल दिसंबर में दावा किया था कि वह अपने इलाके से अतिक्रमण हटाने में कामयाब रही है। कोल्हापुर जिला कलेक्टर कार्यालय के एक कर्मचारी ने दावा किया कि पशु बलि पर प्रतिबंध के बाद इन इमारतों में रहने वाले कई निवासी बाहर चले गए, जिससे कई लोगों की आजीविका छिन गई, इन इमारतों पर बदमाशों ने कब्ज़ा कर लिया। अधिकारी ने कहा कि उन्हें शराबियों द्वारा इन परिसरों के दुरुपयोग के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थीं।

9 जुलाई को संभाजीराजे ने घोषणा की कि वह और उनके समर्थक अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, क्योंकि प्रशासन ऐसा करने में विफल रहा है। संभाजीराजे की घोषणा के बाद एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन ने किले के द्वार पर ‘महा आरती’ की। हालांकि संगठन के लोगों ने हिंसा की बात से सिरे से इनकार किया। राज्यसभा सांसद संभाजीराजे ने कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ, उसमें कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था।

उन्होंने कहा कि हम सभी अतिक्रमण हटाना चाहते हैं, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं। मैं जानता हूं कि धर्मनिरपेक्षता क्या होती है और किसी को मुझे यह सिखाने की जरूरत नहीं है।