संसद में शीतकालीन सत्र चालू हो चुका है और आज इसका तीसरा दिन था। महाराष्ट्र चुनाव नतीजों के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक उठापटक देखने को मिली। इसका असर शीतकालीन सत्र पर भी पड़ा और शिवसेना सांसद संजय राउत की राज्यसभा चेंबर में सीट बादल दी गई। राउत ने राज्यसभा चेंबर में अपनी जगह बदले जाने पर नाराजगी जताई और राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा। शिवसेना सांसद ने पत्र लिखकर कहा कि ये फैसला जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं को चोट पहुंचाने और हमारी आवाज दबाने के लिए लिया गया है।
राउत ने वेंकैया नायडू को लिखा “यह जानकर आश्चर्य हुआ कि राज्यसभा चेंबर मेरी बैठने की जगह तीसरी रो से पंचवी रो में कर दी गई है। यह निर्णय किसी ने जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं को आहत करने और हमारी आवाज को दबाने के लिए लिया है। मैं इस अनुचित कदम के कारण को समझने में विफल हूं क्योंकि एनडीए से अलग होने को लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। इस फैसले से सदन की गरिमा प्रभावित हुई है। मैं अनुरोध करता हूं कि हमें पहले, दूसरे या तीसरे पंक्ति की सीट दी जाए और सदन की शिष्टता भी कायम रखी जाए।”
बता दें महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव साथ में लड़ने वाली पार्टी भाजपा और शिवसेना ने 288 सदस्यीय सदन में मिलकर 161 सीटें जीती हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर पैदा हुए मतभेदों के बाद से दोनों एक दूसरे पर लगातार हमले बोल रहे हैं। शिवसेना राज्य में गैर भाजपा सरकार बनाने के लिये कांग्रेस और राकांपा के संपर्क में है।
हालही में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के चीफ रामदास अठावले ने शिवसेना नेता संजय राउत को सरकार बनाने का एक खास फॉर्म्युला सुझाया था। उन्होंने राउत से बीजेपी को 3 साल और शिवसेना को 2 साल के लिए सीएम पद दिए जाने की बात कही थी। अठावले के इस सुझाव पर राउत ने उन्हें शिवसेना की चिंता न करने की सलाह दी थी।
