इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद शिवसेना पर एकनाथ शिंदे गुट का कब्जा हो गया है। उद्धव ठाकरे और उनकी टीम इस फैसले के बाद पूरी तरह से आगबबूला हो गई है। मातोश्री पर उद्धव ठाकरे आज अपने वर्कर्स से रूबरू हुए तो उनके तीखे तेवर साफ दिखाई दिए। उद्धव ने वर्कर्स से साफ लहजे में कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके लोगों को कड़ा सबक सिखाया जाएगा।

इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना(यूबीटी) के प्रमुख होकर रह गए हैं। उन्होंने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए अपने समर्थकों से कहा कि पार्टी का ‘धनुष-बाण’ चुरा लिया गया है। चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। उद्धव पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करने से पहले यहां बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ के बाहर समर्थकों को संबोधित कर रहे थे।

बाल ठाकरे ने 1966 में की थी शिवसेना की स्थापना

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष-बाण’ चिह्न शिंदे खेमे को आवंटित कर दिया। यह पहला मौका है, जब ठाकरे परिवार ने पार्टी पर अपना नियंत्रण खो दिया है, जिसकी स्थापना बाल ठाकरे ने 1966 में की थी। उद्धव ने कहा कि वो पकड़े गए हैं। मैं चोर को धनुष-बाण के साथ मैदान में आने की चुनौती देता हूं। हम इसका मुकाबला मशाल से करेंगे। उद्धव के समर्थक मातोश्री के बाहर एकत्र हुए और शिंदे के विरोध में नारे लगाये। उद्धव ने अपनी पार्टी के नेताओं से राज्य का दौरा करने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने को कहा।

शरद पवार की सलाह को आत्मसात करते दिखे उद्धव

महाराष्ट्र की राजनीति में इलेक्शन कमीशन का फैसला भूचाल लाने वाला रहा है। अपने पिता की स्थापित पार्टी धुर विरोधी एकनाथ शिंदे के पास जाने से उद्धव ठाकरे का गुस्सा मातोश्री के बाहर साफ तौर पर देखने को मिला। हालांकि राकांपा चीफ शरद पवार ने उद्धव को सलाह दी है कि वो अपनी नई पार्टी और नए चुनाव निशान के माध्यम से विरोधियों का मुकाबला करें। मातोश्री की बैठक में उद्धव पवार की सलाह पर अमल करते दिखे। उन्होंने वर्कर्स से कहा कि वो जुट जाएं और एकनाथ शिंदे और उनकी टीम को धूल चटा दें।