महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के एक दिन पहले यह कहने पर कि शिवसेना के साथ सत्ता बंटवारे को लेकर बातचीत 70 से 80 प्रतिशत पूरी हो गई है, शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दोनों दलों ने अपने मतभेद भुला दिए हैं और एक ‘उचित’ फार्मूले पर सहमत हो गई हैं।

समझौते के अनुसार शिवसेना को सरकार में कुल 12 मंत्रालय मिलेंगे, जिसमें से पांच कैबिनेट स्तर के होंगे। यद्यपि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एआर अंतुले के निधन के कारण इस संबंध में औपचारिक घोषणा में देरी होने की संभावना है।

शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘भाजपा के साथ बीते कुछ दिनों के दौरान गठबंधन पर चर्चा करने के बाद हमने अंतत: मंत्रालय साझा फार्मूले के आधार पर तय किया है जिस पर दोनों पार्टियां सहमत हैं।’ इस नेता का नाम शिवसेना के उन लोगों में शामिल है जिन्हें पार्टी सरकार में शामिल कराने पर चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने (भाजपा के साथ) निर्णय किया है कि शिवसेना के पास राज्य मंत्रिमंडल में पांच कैबिनेट प्रभार और सात राज्य मंत्री प्रभार होंगे।’

शिवसेना के नेता ने कहा कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बुधवार को निर्धारित विस्तार अंतुले के निधन के बाद कुछ दिनों के लिए टल सकता है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेता एआर अंतुले के निधन के बाद हमें प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। यह विस्तार अब कुछ दिनों के लिए टल जाएगा और इसलिए हम शिवसेना के मंत्रियों के नामों की घोषणा तभी करेंगे जब कैबिनेट विस्तार की तिथि घोषित हो जाएगी।’

शिवसेना के एक अन्य नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को आबंटत होने वाले मंत्रालयों में उद्योग, पर्यावरण, स्वास्थ्य, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम और परिवहन या आबकारी शामिल है। इसे शिवसेना की उसके पहले के रुख से रणनीतिक रूप से पीछे हटने के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि उसने पहले उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर दावा किया था।

हालांकि कल रात फड़णवीस के साथ बातचीत करने वाले शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के साथ बातचीत जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने कल कई चीजों पर चर्चा की।’ शिवसेना के एक नेता ने कल रात कहा कि एक मंत्रालय को छोड़ कर भाजपा के साथ बातचीत लगभग सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुंच गई है।

संपर्क किए जाने पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिवसेना को पांच कैबिनेट और सात राज्य मंत्री पद देने वाला फार्मूला वास्तव में लंबी और मुश्किल चर्चा के बाद निकला है। नेता ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘यद्यपि चर्चा अभी भी जारी है।’ यह नेता मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।