‘एक देश, एक भाषा’ पर ज़ोर देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हिंदी देश की भाषा है। एक मात्र भाषा जिसकी पूरे देश में मान्यता है और जो पूरे देश में बोली जाती है वो हिंदी है। शनिवार (14 मई 2022) को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को ये चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि सभी राज्यों में एक भाषा हो। इसके साथ ही एक देश में एक संविधान, एक विधान, एक निशान और एक भाषा होनी चाहिए।
संजय राउत का बयान अमित शाह के बयान के एक महीने बाद आया है जब शाह ने कहा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए, न कि स्थानीय भाषाओं के। गृहमंत्री के इस बयान का दक्षिणी राज्यों के कई प्रमुख नेताओं ने जोरदार विरोध किया था। उन्होंने कहा कि लोगों पर हिंदी नहीं थोपनी चाहिए साथ ही इसे क्षेत्रीय भाषाओं को कमजोर करने का एजेंडा बताया।
तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने दिया था बयान: संजय राउत की यह टिप्पणी तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के एक दिन पहले दिए गए बयान पर थी, जिसमें उन्होंने हिंदी थोपने के किसी भी प्रयास की निंदा की थी और इस दावे पर सवाल उठाया गया था कि नयी भाषा सीखने से रोजगार मिलेगा। हिंदी सीखने वालों के लिए नौकरी मिलने में आसानी होने पर कटाक्ष करते हुए, तमिलनाडु के मंत्री ने कहा था कि अब कोयंबटूर में कौन ‘पानी पुरी’ बेच रहा है? जो कि साफ तौर पर व्यापार में शामिल हिंदी भाषी विक्रेताओं के लिए था।
पूरे देश में बोली जाती है हिंदी: संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा हिंदी का सम्मान किया है। उन्होंने कहा, “जब भी मुझे सदन में अवसर मिलता है, मैं हिंदी में बोलता हूं क्योंकि देश को सुनना चाहिए कि मैं क्या कहना चाहता हूं, यह देश की भाषा है।” उन्होंने कहा, “हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसकी स्वीकार्यता है और पूरे देश में बोली जाती है।” शिवसेना नेता ने कहा कि हिंदी फिल्म उद्योग देश और दुनिया में प्रभावशाली है इसलिए किसी भी भाषा का अपमान नहीं करना चाहिए।
शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, “कुछ लोग महाराष्ट्र में माहौल खराब करना चाहते हैं, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को बदनाम करना चाहते हैं और राज्य सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस सब का मुंहतोड़ जवाब देंगे।”