कृषि कानूनों को लेकर 11वें दौर की बैठक में, किसान यूनियनों ने शुक्रवार को सरकार से कहा कि वे कानूनों की पूरी तरह से वापसी चाहते हैं जबकि केंद्र ने उन्हें 12-18 महीने के लिए कानूनों को टालने के लिए अपने प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। किसानों ने कहा, ‘हमने सरकार से कहा कि हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा किसी और चीज पर सहमत नहीं होंगे। लेकिन मंत्री ने हमें अलग से फिर से चर्चा करने और इस मामले पर फिर से विचार करने और निर्णय लेने के लिए कहा।’ कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसान अगर प्रस्ताव पर सहमत होते हैं तो बातचीत आगे जारी रहेगी।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने कहा कि मंत्री ने हमें साढ़े तीन घंटे इंतजार करवाया। यह किसानों का अपमान है। जब वह आए, तो उन्होंने हमसे सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह बैठकों की प्रक्रिया को समाप्त कर रहे हैं … आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा।
किसान नेता ने बताया कि केंद्र ने अपना कड़ा रुख दिखाया है। मंत्री ने कहा कि अगली बैठक के लिए विज्ञान भवन खाली नहीं। किसान नेता ने कहा कि एक किस्म से संवाद टूट गया है। अब वे आंदोलन तीखा करने की तैयारी करेंगे।
शिव कुमार कक्का, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, ने कहा कि किसान नेता मंत्री का मीटिंग में लौटने का इंतजार करते रहे। साढ़े चार घंटे में सिर्फ 15-20 मिनट ही आमने सामने बातचीत हुई।लंच ब्रेक से पहले, किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग दोहराई और सरकार ने कहा कि वे संशोधन के लिए तैयार हैं। मंत्री ने हमें सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और हमने उन्हें हमारे प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। उसके बाद, मंत्री बैठक छोड़कर चले गए।
#BREAKING: किसान सरकार के बीच एक और बातचीत बेनतीजा समाप्त, अगली बैठक के लिए विज्ञान भवन खाली नहीं… pic.twitter.com/lNfuI89j7V
— News24 (@news24tvchannel) January 22, 2021
राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन, ने बताया कि जैसा कि योजना बनाई गई है, 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली होगी। सरकार ने कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को दो साल के लिए टालने की पेशकश की थी और कहा कि अगले दौर की बैठक हो सकती है अगर किसान यूनियन प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हों तो।
बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के राज्य अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने बताया, “अगली बैठक की कोई तारीख सरकार द्वारा तय नहीं की गई है।”
इससे पहले किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 11 वें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में शुरू हुई। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सरकार की ओर से इस मीटिंग में शामिल हुए।
कल किसान यूनियनों ने कानूनों को 18 महीने तक टालने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग दोहराई। वहीं, किसान गणतंत्र दिवस पर अपनी ट्रैक्टर परेड के लिए तैयार हो रहे हैं।

