Delhi Assembly Polls 2020: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन तोड़ने के अपने आलाकमान के फैसले के बाद दिल्ली में शिरोमणी अकाली दल के नेता संकट में हैं। चुनाव लड़ने की महीनों से तैयारी कर रहे इनके कार्यकर्ताओं की स्थिति आगे कुआं पीछे खाई की हो गई है। भाजपा के साथ गठबंधन के तहत मौजूदा समय में दिल्ली में पार्टी के एक विधायक और चार निगम पार्षद हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के अपील के बावजूद अकाली दल के कोटे से पार्षद बने दिल्ली के नेताओं ने पद से इस्तीफा नहीं दिया। दबी जुबान से दिल्ली के अकाली नेताओं का कहना है कि इससे दिल्ली की अकाली राजनीति को गहरा नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह किसी से छुपा नहीं है कि पंजाब में अगर भाजपा गठबंधन तोड़ लेती तो नतीजे शायद कुछ और होते। दिल्ली में सिख राजनीति पल-पल बदल रही है। दिल्ली में नेताओं के असंतोष से आलाकमान को अवगत करा दिया गया है। लिहाजा, शुक्रवार को दोपहर दो बजे पार्टी की कोर कमेटी की बैठक गुरुद्वारा रोड स्थित पार्टी कार्यालय में होगी जिसमें दिल्ली चुनाव में सिखों से भाजपा को समर्थन करने की घोषणा की जा सकती है।
दिल्ली में कालकाजी, शाहदरा, हरिनगर और राजौरी गार्डन जैसी कई सिख बहुल सीटें हैं जहां अकाली दल का प्रभाव है। आम आदमी पार्टी की आंधी के बावजूद अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था और जीता था। दिल्ली अकाली दल के प्रमुख हरमीत सिंह कालका ने दिल्ली में इस बाबत होने वाली कोर कमेटी की बैठक की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि आलाकमान का फैसला सर्वमान्य होगा। अकाली नेता व दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि हमारा गठबंधन जिन सिद्धांतों पर आधारित है, उनसे हम कोई समझौता नहीं कर सकते। हम सीएए के विरोध में नहीं हैं। हम इसकी कवायद करते हैं लेकिन सिर्फ यह चाहते हैं कि बाकी प्रावधानों के साथ धार्मिक भेदभाव न करने वाला प्रावधान भी जोड़ा जाए।
शरोमणि अकाली दल की पुरजोर राय है कि मुसलमानों को सीएए से अलग नहीं रखा जा सकता। उन्होंने साफ किया कि इसके अलावा सैकड़ों मुद्दों पर अकाली-भाजपा के विचार एक हैं। कई मुद्दों पर दोनों में एक समान राय हैं। चुनाव नहीं लड़ने का फैसला शिरोमणी अकाली दल ने स्वंय किया है, न कि भाजपा ने। बहरहाल, अकालियों की दिल्ली में जमीनी स्थिति यह है कि उनमें गहरा असंतोष है। उनके दो पार्षदों ने गुरुवार को इलाके के भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट मांगा।

