एरोनॉटिकल इंजीनियर शिरिषा बांदला सोमवार को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गईं। उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी। शिरिषा से पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। एक फरवरी, 2003 को स्पेस शटल कोलंबिया जब पृथ्वी पर वापस आ रहा था तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। वहीं, सुनीता विलियम्स के नाम महिला के रूप में सबसे अधिक ‘स्पेस वॉक’ करने का रिकॉर्ड है। सबसे पहले भारतीय नागरिक तौर पर विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे।
शिरिषा बांदला ने उड़ान भरने से पहले ट्वीट किया था, ‘यूनिटी 22 के शानदार चालक दल का सदस्य और कंपनी का हिस्सा बनाकर अभूतपूर्व तरीके से सम्मानित किया है जिसका मिशन अंतरिक्ष को सभी के लिए मुहैया कराना है।’
बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में 1987 में हुआ। उनके पिता बी मुरलीधर और मां अनुराधा अमेरिका में नौकरी करते थे। वे शिरिषा को दादा-दादी के पास छोड़कर अमेरिका चले गए। बांदला चार साल की उम्र में अमेरिका चली गईं। उनकी परवरिश ह्यूस्टन में हुई। 2011 में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के ‘स्कूल आॅफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स’ से विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने 2015 में जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली। वे अमेरिकी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के लिए एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती थीं। लेकिन, आंखों की कमजोर रोशनी के कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं। जब वह पर्ड्यू विश्वविद्यालय में थीं, तो एक प्रोफेसर ने उन्हें वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ानों के क्षेत्र में एक अवसर के बारे में ब ताया। इसके बाद वह इससे जुड़ीं।
जुलाई 2015 में शिरिषा ने रिचर्ड ब्रैन्सन की कंपनी ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ में काम शुरू किया। महज दो साल में उनके काम से प्रभावित होकर कंपनी ने पदोन्नति दे दी। छह साल में तीन पदोन्नतियां पाकर शिरिषा अब ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ कंपनी की ‘गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च आॅपरेशंस’ में वाइस प्रेसिडेंट हैं। जिस यान यूनिटी22 में शिरिषा और उनके छह साथियों ने उड़ान भरी है, वह धरती से करीब 90 किलोमीटर यानी 2.95 लाख फीट की ऊंचाई तक गया है। शिरिषा और उनके साथी करीब 4 मिनट तक अंतरिक्ष में भारहीनता का प्रयोग करेंगे। उस जगह से पृथ्वी गोल नजर आएगी। शिरिषा को भारतीय डिश काफी पसंद हैं। उड़ान से पहले उनकी मां उनकी पसंदीदा मटन बिरयानी लेकर न्यू मैक्सिको पहुंची। शिरिषा को पीली दाल बेहद पसंद है। अंतरिक्ष से लौटने के बाद अपनी मां से इसे बनाने को कहेंगी। वे कहती है कि पीली दाल, गर्म चावल और थोड़ा घी- मेरा पसंदीदा भोजन है। उड़ान भरने से पहले उन्होंने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपने साथ भारत को भी ऊपर लेकर जा रही हूं।