Waqf Board: हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर कहा कि किसी भी संगठन में समय रहते सुधार लाया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में जिस तरह का माहौल बन गया है कि उसे ठीक करना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसमें सुधार की जरूरत है। हम इसके लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। किसी भी संगठन या धार्मिक संस्था में पारदर्शिता लाना जरूरी है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एक रिफॉर्म के जरिये पारदर्शिता लाई जानी चाहिए ताकि लोगों को हर चीज की जानकारी हो। चाहे फाइनेंसियल रिकॉर्ड की जानकारी हो या जमीन के रिकॉर्ड की। ताकि प्रदेश के अंदर जो कुछ माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। उसको ठीक किया जाए। प्रदेश में सभी लोग आपस में भाईचारे के साथ में रहे। इसी सोच के साथ में हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

शांति बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी

मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुरक्षा और शांति बनाए रखने का काम प्रदेश सरकार का है, लेकिन जमीन आवंटन पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। राज्य में मस्जिदों के कथित निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और प्रवासियों के सत्यापन की मांग का जिक्र करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जिस तरह के हालात बने हुए हैं। मंत्री ने कहा कि मेरा यह मानना है कि समय के साथ हर संगठन, ट्रस्ट और धार्मिक निकायों में बदलाव होने चाहिए। इतना ही नहीं इनमें सुधार भी होने चाहिए।

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हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुझे अभी भी याद है कि जब मेरे पिता वीरभद्र सिंह 1984 में सीएम थे तो भीमा काली ट्रस्ट मंदिर को पारदर्शिता बनाने और ऑडिट के लिए सरकारी प्रशासन के अंडर में लाया गया था। यह हमारी निजी संपत्ति थी। एक दिन पहले भी विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि समय के साथ में हर कानून में बदलाव लाना जरूरी है। बदलते समय को देखते हुए वक्फ बोर्ड में भी सुधार किए जाने की जरूरत है।

बता दें कि विक्रमादित्य सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब सूबे में मस्जिदों के कथित अवैध निर्माण के आरोपों को लेकर स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है। शिमला, मंडी और नेरवा में मस्जिदों में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध की लपटें सिरमौर तक पहुंची।