भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर तीखा हमला बोला है। शहजाद पूनावाला ने ओवैसी बंधुओं को ‘नफरत की पाठशाला के सबसे बड़े हेडमास्टर करार’ दिया। बीते गुरुवार को, अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगाबाद में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र पर चादर और फूल चढ़ाया था। इसको लेकर अब वे भाजपा के निशाने पर आ गए हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, “सवाल उठता है कि जब अकबरुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र में जाकर भड़काऊ भाषण देते हैं, आतंकवादी औरंगजेब की मजार पर जाकर सजदा करते हैं। वही औरंगजेब जिसने हिंदुओं के मंदिर तोड़े, हिंदुओं पर जजिया कर लगाए, हिंदुओं पर अत्याचार किया। तो आज, महाराष्ट्र सरकार अकबरुद्दीन ओवैसी पर कार्रवाई क्यों नहीं कर सकती है।”
शहजाद पूनावाला ने महा विकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ये सरकार हनुमान चालीसा पढ़ने वाले लोगों पर देशद्रोह का केस तो दर्ज कर सकती है लेकिन अकबरुद्दीन ओवैसी पर कार्रवाई नहीं कर सकती है। क्या वोट बैंक की दुकान के चलते ‘भड़काऊ भाईजान’ पर उद्धव ठाकरे सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी।”
भाजपा नेता ने कहा कि जब भी ये फैसले कोर्ट की तरफ से आते हैं तो असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी इसे ऐलान-ए-जंग बताते हैं और भड़काने वाली राजनीति करते हैं। चाहें हिजाब पर फैसला हो, चाहे लाउडस्पीकर पर या फिर ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी कोर्ट का फैसला हो।”
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराने के कोर्ट के फैसले को सत्य और संविधान की जीत बताते हुए पूनावाला ने कहा, “ये उन लोगों की जीत है जो न्याय प्रणाली में यकीन रखते हैं। लेकिन ज्ञानवापी के नाम पर जो संविधान पापी हैं, इस फैसले को लेकर बार-बार भड़काने की कोशिश कर रहे थे। ओवैसी कह रहे थे कि खून की नदियां बहेंगी। समाजवादी पार्टी कह रही थी कि कोर्ट के आदेश से खाई पैदा होगी। इंतजामिया कमेटी के यासीन कह रहे थे कि ये गर्दन पर तलवार रखने जैसी बात है। ये वही लोग हैं जो कहते हैं कि हम कागज नहीं दिखाएंगे, हम लाउडस्पीकर नहीं उतरवाएंगे, हम सर्वे नहीं करवाएंगे।”