शीना बोरा हत्या मामले में मुख्य आरोपी और पूर्व मीडिया कारोबारी इंद्राणी मुखर्जी को मंगलवार को जेजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी जहां शुक्रवार को बेहोश होने के बाद से उसका इलाज चल रहा था। सेहत में सुधार के बाद इंद्राणी को वापस बायकुला महिला कारावास में भेज दिया गया।

जेजे अस्पताल के डीन टी पी लहाणे ने कहा कि इंद्राणी को मंगलवार शाम अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी और जेल भेज दिया गया जहां वह पिछले महीने से न्यायिक हिरासत में बंद है। 43 वर्षीय इंद्राणी कथित तौर पर अधिक मात्रा में कोई दवा लेने की वजह से बेहोश हो गयी थी और पांच दिन पहले उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

लहाणे ने इससे पहले मंगलवार को दिन में कहा था, ‘‘इंद्राणी पूरी तरह होश में है और डॉक्टरों से बात भी कर रही है। उसके इलाज में लगे डॉक्टरों की टीम तय करेगी कि पुलिस अधिकारियों को कब उसका बयान दर्ज करने दिया जाए।’’

इंद्राणी के वकील ने एक स्थानीय अदालत में यह भी कहा कि उन्हें सीबीआई द्वारा जेल में पूछताछ से कोई आपत्ति नहीं है और अस्पताल ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट अदालत को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी है जिसकी सीबीआई ने मांग की थी।

इस बीच एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने इंद्राणी और दो अन्य आरोपियों से पूछताछ की अनुमति देने के सीबीआई के अनुरोध पर अपना आदेश आज के लिए सुरक्षित रखा। शीना बोरा हत्याकांड में इंद्राणी के साथ उसका पूर्व पति संजीव खन्ना और चालक श्यामवर राय आरोपी हैं। दोनों भी न्यायिक हिरासत में हैं। इस्प्लैनेड अदालत के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर. वी. एडोने ने कहा, ‘‘आदेश आज पारित किया जाएगा।’’

इस बीच प्रधान सचिव (अपील और सुरक्षा) विजय सतबीर सिंह ने कहा कि इंद्राणी अब मानसिक और शारीरिक रूप से दुरुस्त है और उसके जेल में बेहोश होने की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए उसका बयान मंगलवार रात तक या बुधवार सुबह तक रिकॉर्ड किया जाएगा। नवनियुक्त आईजी (कारावास) विपिन कुमार सिंह मामले में जांच कर रहे हैं।

विजय सिंह ने कहा, ‘‘अब वह पूरी तरह ठीक हो गयी है और सुरक्षित है। संकट टल गया है। अब जांच अधिकारी अपनी सुविधा से उसका बयान रिकॉर्ड करेंगे। वह अधिकारियों को जो भी बताती है, उसे प्रदेश के गृह मंत्रालय को भेजे जाने वाली रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।’’

इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और उसके चालक राय से पूछताछ करने की अनुमति की मांग करते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि एजेंसी ने हाल में मुंबई पुलिस से जांच का जिम्मा लिया है और इसलिए तीनों से पूछताछ जरूरी है।

एजेंसी ने अदालत में कहा कि अगर पूछताछ की अनुमति नहीं दी जाती है तो उसे मुंबई पुलिस की जांच पर निर्भर रहना होगा। सीबीआई ने आरोपियों से जेल के अंदर कम से कम तीन सप्ताह पूछताछ की मंजूरी देने का आग्रह किया है।

इंद्राणी के वकील गुंजन मंगला ने अदालत से कहा कि उन्हें जेल के अंदर सीबीआई द्वारा उनकी मुवक्किल से पूछताछ पर कोई आपत्ति नहीं है। खन्ना के वकील श्रेयांश मितारे ने भी कहा कि अगर कोई नया आधार है तो वह पूछताछ के खिलाफ नहीं हैं। बहरहाल राय के वकील श्रीनिवास भावे ने सीबीआई याचिका पर आपत्ति जताई और कहा कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है। स्थानीय अदालत ने सोमवार को तीनों की न्यायिक हिरासत अवधि 19 अक्तूबर तक बढ़ा दी थी।

इंद्राणी को अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद जेल में उसे अधिक मात्रा में दवा दिये जाने के मामले में विरोधाभासी रिपोर्ट सामने आई थीं। एक रिपोर्ट में उसके अधिक मात्रा में अवसाद निरोधक गोलियां लेने की बात कही गयी, वहीं दूसरी में इस तरह की कोई बात नहीं थी।