कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरुर ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है। दरअसल शशि थरुर ने बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान अपनी नई किताब ‘The Paradoxical Prime Minister’के बारे में बात करते हुए कहा कि एक बार आरएसएस के एक अज्ञात व्यक्ति ने कमाल की उपमा देते हुए कहा था कि “मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं, जिसे आप अपने हाथों से नहीं हटा सकते और ना ही आप उसे चप्पल मारकर हटा सकते हैं।” थरुर ने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि उनका कहने का मतलब था कि यदि आप बिच्छू को हाथ से हटाएंगे तो वह आपको काट सकता है। वहीं अगर आप उसे चप्पल मारकर हटाएंगे तो इससे लोगों की आस्था को चोट पहुंचने का डर है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मोदी ने सरकार का केन्द्रीयकरण करके भारतीय लोकतंत्र के अहम संस्थानों को क्षति पहुंचाई है, जिन्हें पिछले 70 सालों के दौरान बनाया गया है। उदाहरण देते हुए शशि थरुर ने कहा कि नोटबंदी जैसे फैसला लेकर रिजर्व बैंक के प्रभाव को कम किया गया। उसी तरह रफाल डील से देश की विदेशी पॉलिसी को चोट पहुंचायी गई। कांग्रेसी सांसद ने मोदी सरकार पर सीवीसी, सीबीआई, इलेक्शन कमीशन, रिजर्व बैंक आदि की स्वायतत्ता में दखल के आरोप लगाए। थरुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये फैसले कैबिनेट में बिना कोई चर्चा किए लिए गए। शशि थरुर ने कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए।
#WATCH Shashi Tharoor in Bengaluru, says, “There’s an extraordinarily striking metaphor expressed by an unnamed RSS source to a journalist, that, “Modi is like a scorpion sitting on a Shivling, you can’t remove him with your hand & you cannot hit it with a chappal either.”(27.10) pic.twitter.com/E6At7WrCG5
— ANI (@ANI) October 28, 2018
गुरुवार को द इकॉनोमिस्ट समिट 2018 के दौरान भी शशि थरुर ने पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों की भी जमकर आलोचना की। मोदी सरकार द्वारा देश के युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरी नहीं दे पाने पर निशाना साधते हुए शशि थरुर ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि पिछले 5 सालों के दौरान युवाओं को स्किल डेवलेपमेंट संबंधी शिक्षा देने में काफी काफी कमी रही है। थरुर ने कहा कि हमारी जनसंख्या के 65% लोग 35 साल से कम के हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक हमारे कामगार युवाओं की संख्या 160 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन में यह आंकड़ा 92 मिलियन होगा। ऐसे में समझा जा सकता है कि हम कितनी मजबूत स्थिति में होंगे। लेकिन ये तभी होगा, जब हम अपने युवा वर्ग को इन नौकरियों के लिए तैयार कर सकेंगे। थरुर ने साल 2016 की वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया, जिसमें बताया गया है कि भारत में 69% नौकरियां तकनीक की उन्नति के साथ ही खतरे में आ जाएंगी। थरुर ने देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलावों करने की मांग की और शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की वकालत की।