पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में खटास और सीमा पर तनाव ने युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। लोग दहशत में हैं, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के लगातार गोलाबारी हो रही है। जवाब में भारतीय सेना मुंहतोड़ कार्रवाई कर रही है। लेकिन इस बार मामला सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं है, राजनयिक स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में अहम बैठक हुई
इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में एक अहम बैठक हुई, जिसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई। इस बैठक को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर का बयान खासा अहम और बेहद तथ्यात्मक है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस बैठक से भारत या पाकिस्तान को कोई खास फायदा नहीं मिलने वाला।
थरूर के अनुसार, “यूएनएससी पाकिस्तान की आलोचना नहीं करेगा क्योंकि चीन वीटो लगा देगा। वहीं, भारत की आलोचना वाला कोई प्रस्ताव भी पारित नहीं हो पाएगा, क्योंकि कई देश इसका विरोध करेंगे और शायद वीटो भी कर देंगे। नतीजा यही होगा कि बैठक शांति और आतंकवाद को लेकर एक सामान्य चिंता व्यक्त करके खत्म हो जाएगी।”
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थरूर ने स्पष्ट किया कि यूएन में ऐसे मामलों का नतीजा हमेशा कूटनीतिक भाषा और औपचारिकताओं में दब जाता है। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों से ज्यादा उम्मीदें पालना व्यावहारिक नहीं है।
सीमा पर जारी गोलीबारी के बीच यह साफ है कि असली जंग राजनीतिक और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर लड़ी जा रही है और उसमें ‘वीटो’ सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आ रहा है।
उधर, गृह मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय हालात को देखते हुए भारत को नए और जटिल सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से नागरिक सुरक्षा व्यवस्थाओं की तैयारी को परखना और मजबूत करना अब जरूरी हो गया है। मंत्रालय ने साफ किया कि अब समय आ गया है कि हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हर समय सतर्क और तैयार रहें।