शशि थरूर ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि वह वीर सावरकर के नाम पर दिए जाने वाले किसी भी पुरस्कार को स्वीकार नहीं करेंगे और न ही इससे संबंधित किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, पार्टी के एक वरिष्ठ सहयोगी ने कांग्रेस सांसद से आग्रह किया कि वह सावरकर के नाम पर दिए जाने वाले किसी भी सम्मान को स्वीकार न करें और दावा किया सावरकर ‘अंग्रेजों के सामने झुक गए थे’।
थरूर ने कहा कि पुरस्कार के स्वरूप या इसे देने वाली संस्था के बारे में स्पष्टीकरण के अभाव में वह ‘वीर सावरकर पुरस्कार’ स्वीकार नहीं करेंगे और न ही उस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां यह पुरस्कार दिया जाएगा। तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने यह भी कहा कि “आयोजकों द्वारा पुरस्कार लेने पर मेरी सहमति के बिना मेरे नाम की घोषणा करना गैरजिम्मेदाराना है”।
इससे पहले कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन ने तिरुवनंतुरम में मीडिया से कहा कि सांसद शशि थरूर समेत पार्टी के किसी भी सदस्य को वीर सावरकर के नाम पर कोई पुरस्कार स्वीकार नहीं करना चाहिए क्योंकि ‘वह अंग्रेजों के सामने झुक गए थे’। मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं होता कि थरूर यह पुरस्कार स्वीकार करेंगे क्योंकि ऐसा करना कांग्रेस का अपमान और शर्मिंदगी की बात होगी।
‘मुझे इसके बारे में कल ही पता चला। मैं नहीं जा रहा’
थरूर ने राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से कहा कि उन्हें इस पुरस्कार के बारे में मंगलवार को ही पता चला और वे समारोह में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। उन्होंने पुरस्कार समारोह में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर जवाब दिया, “मुझे इसके बारे में कल ही पता चला। मैं नहीं जा रहा हूं।”
कांग्रेस सांसद थरूर ने X पर एक पोस्ट में कहा, “पुरस्कार के स्वरूप, इसे प्रदान करने वाले संगठन या किसी अन्य प्रासंगिक जानकारी के बारे में स्पष्टीकरण के अभाव में, आज (बुधवार को) कार्यक्रम में मेरी उपस्थिति या पुरस्कार स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता।”
उन्होंने कहा कि मंगलवार को स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान करने के लिए केरल जाने पर उन्हें मीडिया में जारी खबरों से पता चला कि उनका नाम पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में घोषित किया गया है। थरूर ने कहा कि उन्होंने तब स्पष्ट किया था कि उन्हें ऐसे किसी पुरस्कार की जानकारी नहीं है और ना ही उन्होंने ऐसा कोई पुरस्कार स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा, “इसके बावजूद, आज (बुधवार को) दिल्ली में कुछ मीडिया संस्थान वही सवाल बार-बार पूछ रहे हैं। इसलिए, मैं इस मामले को स्पष्ट करने के लिए यह बयान जारी कर रहा हूं।”
पुरस्कार देने वाली सोसायटी बोली- जानकारी काफी पहले ही दे दी गई थी
पुरस्कार प्रदान करने वाली ‘हाई रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसायटी (एचआरडीएस)-इंडिया’ के सचिव अजी कृष्णन ने थरूर के बयान के बाद एक टीवी चैनल को बताया कि कांग्रेस सांसद को इस मामले की जानकारी काफी पहले ही दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि एचआरडीएस इंडिया के प्रतिनिधियों और पुरस्कार से जुड़े निर्णायक मंडल के अध्यक्ष ने थरूर के आवास पर उनसे मुलाकात कर उन्हें आमंत्रित किया था तथा सांसद ने पुरस्कार के अन्य प्राप्तकर्ताओं की सूची मांगी थी।
कृष्णन ने दावा किया, “हमने उन्हें सूची दे दी थी। उन्होंने अब तक हमें यह सूचित नहीं किया कि वे कार्यक्रम में नहीं आएंगे। शायद वे डरे हुए हैं क्योंकि कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना दिया है।”
केरल के कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि पुरस्कार स्वीकार करना या न करना थरूर का अपना निर्णय है। बुधवार को नयी दिल्ली में एचआरडीएस-इंडिया द्वारा शुरू किये गए पहले ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवार्ड 2025’ के प्राप्तकर्ताओं में थरूर का चयन किया गया। थरूर ने मंगलवार को यकहा था कि उन्हें इस पुरस्कार के बारे में मीडिया से पता चला और उन्हें यह नहीं पता कि इसे कौन दे रहा है। उन्होंने कहा था, “मुझे पुरस्कार से संबंधित किसी भी बात की जानकारी नहीं है। मुझे पता लगाने दीजिए कि यह क्या है।”
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