भारत-मालदीव विवाद के बीच कांग्रेस के सांसद शशि थरूर का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि मालदीव हमेशा भारत विरोधी नहीं रहा है, उनके कई नेता हमारे समर्थक हैं। शशि थरूर ने कहा कि मालदीव में हर समय सरकार बदलती रहती है, ऐसे में वह नीतियों पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
शशि थरूर ने मालदीव को दी नसीहत
शशि थरूर ने मालदीव को भारत द्वारा की गई मदद की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि जब उनके पास पीने को पानी नहीं था, तब हमने उन्हें पानी उपलब्ध कराया था और यह उस समय की बात है जब वहां पर सत्ता में मौजूद पार्टी हमारे खिलाफ इंडिया आउट अभियान चला रही थी। शशि थरूर ने कहा कि मालदीव में 100 फीसदी मुसलमान रहते हैं लेकिन पाकिस्तान का भी वहां कोई खास प्रभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि छोटे पड़ोसियों को हमेशा बड़े पड़ोसियों से समस्या रही है लेकिन हमें अपनी नीतियों को काफी परिपक्वता के साथ संचालन करना चाहिए।
शशि थरूर ने चीन को लेकर भी सावधानी बरतने की नसीहत दी थी। शशि थरूर ने कहा कि मालदीव की सरकार चीन के साथ करीबी बढ़ा रही है, ऐसे में हमें उन पर नजर रखनी होगी। शशि थरूर ने कहा कि मालदीव भारत के पड़ोसी देशों के साथ करीबी बढ़ा रहा है और हमे इसको लेकर सतर्क रहना होगा।
राम मंदिर को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना
शशि थरूर ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कहा कि मुझे राम मंदिर का न्योता नहीं मिला है, इसलिए मुझे न जाने के लिए जवाबदेह होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा इरादा राम मंदिर जाने का है, लेकिन 22 जनवरी को नहीं। शशि थरूर ने कहा कि अगर मंदिर का पूरा निर्माण नहीं हुआ है, तो प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जा रही है?
शशि थरूर ने मंदिर के नाम पर बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीएम ने चुनाव से पहले अपने राजनीतिक फायदे के लिए 22 जनवरी की तारीख चुनी है। शशि थरूर ने कहा कि उस दिन प्रधानमंत्री मुख्य भूमिका निभाएंगे और पंडित सहायक भूमिका निभाएंगे।