पूर्व मंत्री और दिग्गज नेता शरद पवार ने अपनी जीवनी ‘ऑन माई टर्म्स’ में कई खुलासे किए हैं। लेकिन एक खुलासा लोगों की निगाह से बच गया। पवार ने इसमें 1993 में चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए बम धमाकों को लेकर जिक्र किया है। किताब के अनुसार, पवार अफवाहों के फैलने से परेशान थे और शांति लाना चाहते थे। धमाकों को सांप्रदायिक रंग दिए जाने से रोकने को उन्होंने बताया किे 13 बम धमाके हुए हैं। जब कि वास्तव में 12 धमाके हुए थे। उन्होंने बताया कि 13वां धमाका मुस्लिम बहुल इलाके में हुआ है। हालांकि वहां पर ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
पवार का यह सफेद झूठ अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है। आज भी मुंबई बम धमाकों की संख्या 13 ही बताई जाती है। यहां तक कि गूगल में सर्च करने पर भी मुंबई में 13 बम धमाकों की जानकारी मिलती है। गौरतलब है कि इन बम धमाकों को भारत में सबसे बड़े हमलों में से एक गिा जाता है। यह अपनी तरह के दुनिया में पहले सीरियल ब्लास्ट थे। इन धमाकों में 257 लोग मारे गए जबकि 717 घायल हुए थे। धमाकों का मास्टमाइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम है। ये धमाके जावेरी बाजार, प्लाजा सिनेमा, सेंचुरी बाजार, पासपोर्ट ऑफिस, एयर इंडिया बिल्डिंग, होटल सी रॉक, होटल जुहू सेंटोर, सहारा एयरपोर्ट टर्मिनल, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग, कठा बाजार, वर्ली में हुए थे।

