शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर बदरीनाथ- केदारनाथ समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने सनसनी फैसाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अजय ने शंकराचार्य को सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए भी चैलेंज किया है।

यह मामला शुरू तब हुआ जब बीते दिनों ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया था। जिसको लेकर काफी चर्चा भी हुई। इसी के जवाब में मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने बुधवार को कहा कि शंकराचार्य सनसनी फैलाते हैं। उन्हें अब चर्चा में बने रहने की आदत हो गई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की आदत है कि रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और आरोप लगाएं। इसी मामले पर अजय ने शंकराचार्य को सुप्रीम कोर्ट जाने का चैलेंज किया है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय ने कहा कि एक संन्यासी के रूप में वह शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करते हैं। लेकिन वह जीतना प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं उतना तो नेता भी नहीं करते। उनको चर्चा में बने रहना और मीडिया में सुर्खियां बटोरना आदत है। उनसे अनुरोध है कि उन्होंने केदारनाथ मंदिर को लेकर जो भी आरोप लगाए हैं। उसके सारे तथ्य सामने लाएं। इसको लेकर वह अथॉरिटी के पास जाएं और जांच की मांग करें। इतना ही नहीं अगर उनको लगता है कि यहां सही तरह से जांच नहीं होगी तो वह हाई कोर्ट जानें या फिर सुप्रीम कोर्ट जाएं।

शंकराचार्य को सोचना चाहिए कि केदारनाथ धाम को जो स्वर्णमंडित कराया गया है। इसमें मंदिर प्रशासन या फिर सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। इस काम को मुंबई के एक दान देने वाले भक्त ने किया है। उन्होंने केदारनाथ ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य मंदिरों में भी काम कराया है। इन मंदिरों में काशी विश्वनाथ, मुंबई के सिद्धि विनायक समेत कई मंदिर हैं। शंकराचार्य के इस तरह के आरोपों से देश के उन भक्तों और दान दाताओं को ठोस पहुंचती है।

वहीं सोना चोरी मामले पर अजय ने बताया कि केदारनाथ में कुल 23 किलो के करीब सोना लगा है। इससे पहले यहां पर चांदी की प्लेटें थी जिसका वजह कुल 230 किलो था। जिस समय चांदी की प्लेटें यहां से हटाई गई तो मीडिया ने अनुमान लगाया कि चांदी के बराबर ही सोना आया होगा लेकिन कम लगाया गया है। इसी वजह से लोगों में भ्रम की स्थिति बनी है।